माँ पड़ोसी के नीचे और मैं पापा के नीचे
नमस्कार दोस्तों,
माँ का रूप अब मेरे सामने आ गया था, बस उनका लाइव शो देखने को नहीं मिला था।
रात को सब सो गए थे, तभी मुझे आवाज़ से नींद खुली। वह आवाज़ माँ-पापा के बात करने की थी, लेकिन अंधेरे में कुछ दिख नहीं रहा था।
पापा – “पुष्पा (माँ का नाम), दे ना ग।”
माँ – “मेरा पेट दुख रहा है, कल देती हूँ।”
पापा – “थोड़ी देर ही तो करू… पूरी कहानी पढ़े...