मुंहबोली बेटी ने खुद सील तुड़वायी
जब मेरी आँख खुली तो उस वक्त साढ़े दस बज रहे थे। रूपा बिस्तर पर नहीं थी। मगर रात को मैंने जो उसका ब्रा और पेंटी उतार के फेंकी थी, तो अभी भी फर्श पर पड़े थे। बेशक मैं चादर लेकर लेटा था, मगर चादर के अंदर तो मैं बिल्कुल नंगा था और सुबह सुबह मेरा लंड भी पूरा अकड़ा हुआ था।
तभी कमरे में दिव्या आई और मुझे गुड मॉर्निंग पापा बोल कर चाय … पूरी कहानी पढ़े...