मौसी, माँ और गाँव की मस्ती 3
सुबह आशा उठी। रात को देखा हुआ सब कुछ उसकी आँखों के सामने घूम रहा था। उसका पति उसे इतना सुख कभी नहीं दे पाया था, जितना सुख उसने अपनी बहन को लेते हुए देखा था। उसे भी वो सुख चाहिए था। लेकिन क्या करती, पति मुंबई में था और अभी 15 दिन उसे गाँव में बिताने थे।
लेकिन एक बार आग लगी तो उसे जंगल की आग बनते देर नहीं लगती। वो 15 दिन क्या… पूरी कहानी पढ़े...