हाय दोस्तों, मेरा नाम सेक्ससिंह है। यह नाम थोड़ा अजीब है, लेकिन यह मेरा असली नाम नहीं, बल्कि कहानी का नाम है। सेक्ससिंह नाम से ही आपको अंदाजा हो जाएगा कि मुझे सेक्स की कितनी चाहत है। आज मैं आपको अपनी एक हॉट सेक्स स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें भरपूर कामुकता और रोमांच है। उस लड़की का नाम श्रुति है (नाम बदल दिया गया है)। वह मेरे पिता के दोस्त की बेटी है। उसकी हाइट थोड़ी कम है। हम दोनों बचपन के दोस्त हैं और बचपन में हमने बहुत सारा वक्त साथ बिताया। फिर हमारा ट्रांसफर हो गया। बाद में मेरे भाई का उसी शहर के कॉलेज में एडमिशन हुआ और उस वक्त मैं 8 साल बाद श्रुति से मिला। वह पूरी तरह बदल गई थी। उसका फिगर 32-26-32 था। हमने बचपन की बातें याद कीं और मैं जल्दी में अपने घर लौट आया।
हम दोनों मोबाइल पर बात करते थे और वह मेरे साथ खूब झगड़ती थी। फिर आखिर में सब ठीक कर देती थी। अब वह मेरी बचपन की दोस्त से गर्लफ्रेंड बन गई थी। वह मुझसे बाकी लड़कियों की तरह बात करती थी, जिसमें मुझे कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह अपने फ्रेंड सर्कल में एक आम लड़की थी और थोड़ी चिड़चिड़े स्वभाव की थी। वह अक्सर बीमार रहती थी और बहुत नाजुक व कमजोर थी।
एक बार श्रुति अपने परिवार के साथ गर्मियों की छुट्टियों में हमारे घर आई। वह मेरे साथ मेरे दोस्तों के घर जाती, हमारे साथ मूवी देखने आती और मॉल में घूमती। एक दिन हम दोनों एक हादसे में बाल-बाल बचे और थोड़ा जख्मी हो गए। मैं डर गया था। हम घर देर से पहुँचे। मुझे लगा कि उसे बहुत गुस्सा आया होगा, इसलिए मैंने उससे कुछ नहीं कहा। हमने घर में कुछ नहीं बताया और किसी को कुछ समझ नहीं आया। मैं अपने कमरे में चला गया और वह गेस्ट रूम में गई। कपड़े बदलकर वह मेरे पास आई और पूछने लगी, “ज्यादा चोट तो नहीं लगी ना?” मैंने कहा, “नहीं, मैं ठीक हूँ।” और मैंने उससे सॉरी कहा। उसने मुझे समझाया कि गाड़ी ठीक से चलाया करो। मैंने उससे पूछा, “तुझे कितना लगा है?” फिर उसने अपनी पैंट ऊपर की और अपना घुटना दिखाया। भगवान की कसम, उसके गोरे और खूबसूरत पैर देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा। पहली बार मैंने उसे वासना भरी नजरों से देखा। मैंने पूछा, “डेटॉल लगाया क्या?”
उसने कहा, “नहीं।” मैंने मौके का फायदा उठाया और उसे डेटॉल लगाया। वह “ओह्ह ओह्ह” करने लगी और मेरा लंड और सख्त हो गया। उसे लगा कि मेरे मन में कुछ गलत चल रहा है। उसने कॉटन मेरे हाथ से लिया और खुद अपनी चोट पर लगाने लगी। मैं देखता रहा और मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई। फिर वह मेरे कमरे से चली गई। खाने के वक्त हम चुप थे। अंकल ने पूछा, “क्या हुआ? तुम दोनों चुप क्यों हो? क्या झगड़ा हुआ है?” हमने कहा, “नहीं,” और सामान्य व्यवहार करने लगे। खाना खाने के बाद वह पढ़ने के लिए मेरे कमरे में आई। मैं मैथ्स पढ़ रहा था और वह फिजिक्स। मेरे दिमाग से उसके गोरे पैर निकल नहीं रहे थे। उसने मुझसे 2-3 सवाल पूछे, लेकिन मैं जवाब नहीं दे पाया। उसने पूछा, “एक्सिडेंट की वजह से डर गया क्या?” मैंने कहा, “हाँ यार। मुझे अपनी चिंता नहीं, लेकिन तुझे कुछ हो जाता तो?”
उसने कहा, “लेकिन मुझे तो कुछ हुआ नहीं ना,” और मुझे गले लगा लिया। फिर मैंने किताब साइड में रखी और उसके सिर पर हाथ रखकर बैठ गया। मैंने कहा, “मुझे थोड़ा अकेला छोड़ दे।” सच कहूँ तो उस वक्त मेरा लंड खड़ा था और मुझे मुठ मारने की इच्छा हो रही थी। मैंने फेसबुक पर उसकी प्रोफाइल फोटो खोली और उसे देखकर मुठ मारने लगा। शायद वह बाथरूम के बाहर खड़ी थी और आवाज सुन रही थी। उसने दरवाजा खटखटाया। मैंने जल्दी से लंड अंदर किया और कहा, “हाँ, अंदर आ।” लेकिन मेरे फोन में उसकी फोटो खुली रह गई थी। उसने पूछा, “क्या कर रहा था?” मैं कुछ नहीं बोला। उसने कहा, “कुछ नहीं तो फेसबुक पर मेरी फोटो क्यों खुली है?” मुझे बहुत शर्मिंदगी हुई और मैं बालकनी में चला गया। थोड़ी देर बाद वह वहाँ आई और बोली, “तू मुझसे 3 महीने छोटा है। बेटा, मेरी फोटो देखकर मुठ मार रहा था ना?” मैंने कहा, “हाँ, लेकिन सिर्फ फोटो से काम नहीं चला।”
उसने मेरी तरफ देखा और बोली, “2 मिनट रुक… पोर्न मूवी चाहिए क्या?” मैंने कहा, “श्रुति, तू?” मुझे लगा कि मैं सपना तो नहीं देख रहा। उसने कहा, “बता, चाहिए क्या?” मैंने कहा, “रहने दे यार,” और सोने चला गया। लेकिन नींद नहीं आ रही थी कि मेरी बचपन की दोस्त अब इतनी बड़ी हो गई है। मैंने सोचा, सचमुच मैं भी बुरा इंसान हूँ, क्योंकि मैं भी पोर्न मूवी देखता हूँ। मैंने कहा, “हे भगवान, घोर कलियुग है,” और सो गया। सुबह उठकर मैं बाहर आया तो वह मुझे देखकर सेक्सी तरीके से हँसी। अब मुझे उससे डर लगने लगा था। नहाने के बाद मैं उसके पास गया और पूछा, “तेरे पास कितने GB की मूवी है?” उसने कहा, “HD है, 18 GB की।” मैंने कहा, “दे मुझे।” मैंने अपना लैपटॉप खोला और उसकी हार्ड डिस्क कनेक्ट की। उसने फोल्डर खोला और कहा, “ये देख, 15 हैं।” मैंने पूछा, “तूने कौन-कौन सी देखी हैं और तेरी फेवरेट कौन सी है?”
उसने कहा, “मैंने सिर्फ 5 देखी हैं।” उसने एक मूवी की तरफ इशारा किया और बोली, “ये अच्छी है। मेरी दोस्त बता रही थी, लेकिन मैंने अभी तक नहीं देखी।” मैंने पूछा, “अकेले में देखी थी क्या?” उसने मजाक में कहा, “नहीं, पापा के साथ देखी।” मैंने कहा, “ठीक है, तो मेरे साथ देख ले।” उसने पूछा, “कोई आ गया तो?” मैंने कहा, “मैं तुरंत बंद कर दूँगा।” वह बोली, “रुक, मैं कपड़े बदलकर आती हूँ।” फिर हमने नाइट ड्रेस पहनी और मूवी देखने लगे। मैंने उसकी गर्दन में हाथ डाला और लाइट बंद कर दी।
अब मैं उसके बूब्स दबाने लगा और वह मेरा लंड सहलाने लगी। मैंने पूछा, “पहले किसी का हाथ लगाया क्या?” उसने कहा, “नहीं।” हम दोनों एक-दूसरे का पानी निकालने लगे। उसका पानी बहुत मेहनत के बाद निकला और मुझे समझ आया कि वह भी हस्तमैथुन करती होगी। फिर हमने सब साफ किया और अपने-अपने काम में लग गए।
अगले दिन वह मेरे कमरे में आई और हार्ड डिस्क दिखाकर हँसने लगी। मैं समझ गया और हमने पहले दिन वाला सब फिर किया।
तीसरे दिन भी हमने मूवी देखी। मैंने कहा, “आज तुझे मेरा लंड चूसना पड़ेगा, वरना मैं लैपटॉप बंद कर दूँगा।” उसने सुना और धीरे-धीरे अपनी जीभ से मेरा लंड चाटने लगी। फिर उसने उसे मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। वह मेरे लंड से निकला पानी पी रही थी। फिर मैंने उसे धक्का दिया और वीर्य छोड़ दिया। उसने कहा, “थैंक यू।” मैंने अपना वीर्य लंड में पकड़ा और बाथरूम में चला गया।
हमें कोई जल्दी नहीं थी और हम बेताब होने का मजा लेना चाहते थे। अगले दिन मैंने उसकी चूत पर खूब रगड़ा। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और घिसा। उसका पानी निकला और मैंने भी अपना वीर्य उसके पेट पर छोड़ दिया।
अगले दिन मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर भी डाला। लेकिन हम दोनों का 2 मिनट में निकल गया। मैंने नेट पर पढ़ा था कि पहली बार सेक्स करते वक्त ऐसा होना आम है।
अब हमें सेक्स का थोड़ा अनुभव हो गया था। धीरे-धीरे हम दोनों 30-40 मिनट तक करने लगे, लेकिन एक ही पोजीशन में।
फिर रविवार को मेरे क्लास में टेस्ट थी। सब लोग बाहर गए थे। घर में सिर्फ दादी और श्रुति थीं। मैं अपने कमरे में गया। नीचे से दादी ने चिल्लाकर कहा कि वह पड़ोस में जा रही हैं और नीचे आकर दरवाजा बंद कर लूँ। श्रुति नहाने गई थी। मैंने उसे कहा, “जल्दी बाहर आ, घर में कोई नहीं है।” उसने दरवाजा खोला और नंगी बाहर आई। बोली, “पहले मारेगा या नहाने के बाद?” मैंने कहा, “नहाते वक्त।” मैं उसे शावर के नीचे ले गया और चोदने लगा। कपड़े अंदर रखे थे। वह नहाकर बाहर आई, लेकिन अभी तक हममें से किसी का नहीं निकला था।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसे चूमने लगा। नीचे मेरा लंड उसकी चूत को चूम रहा था। वह उठी और मेरा लंड चूसने लगी। मैंने उसे नीचे रंडी की तरह बिठाया। वह चूसती जा रही थी और मुझे देख रही थी। उसके मुँह से अजीब आवाजें आ रही थीं। मैंने उसका सिर पकड़ा और जोर-जोर से ठोकने लगा। उसकी आँखों से पानी आने लगा। मैंने लंड बाहर निकाला, उसकी आँखें पोंछीं और फिर हथियार उसके मुँह में डालकर ठोकने लगा। उसने कहा, “अब रुक जा।”
फिर वह जमीन पर कुत्तिया की तरह झुकी और मैं उसकी चूत में जोर-जोर से उंगली डालने लगा। वह “ओह्ह्ह यस्स्स उम्म्म” कर रही थी। फिर मैंने उसे घिसना शुरू किया। मैंने कहा, “मैं नीचे लेटता हूँ, तू मेरे ऊपर आ।” वह मेरे ऊपर लेट गई और मेरा लंड अपनी चूत में दबाकर जोर-जोर से गांड हिलाने लगी और मुझ पर नाचने लगी। जोर-जोर से उछलने से मेरा वीर्य निकलने वाला था। मैंने उसे शांत किया और उसके बूब्स चूसने लगा। वह मेरा लंड हिला रही थी।
फिर मैंने उसे लिटाया और उसके पैर अपने कंधों पर रखे। मेरा लंड उसकी चूत पर रखकर घिसने लगा। थोड़ी देर बाद एकदम लंड उसकी चूत में डाल दिया। उसने मुझे रुकने को कहा क्योंकि उसका पानी निकलने वाला था। मैं नहीं रुका और उसने मेरा लंड गीला कर दिया, लेकिन मैं चालू रहा। अब उसे पसीना आने लगा। उसके बूब्स फिसलने लगे। फिर मैंने लंड उसके मुँह में डाला और वह चूसने लगी। वह लॉलीपॉप की तरह मेरा लंड चूस रही थी। फिर मैंने उसकी चूत को शिकार बनाया। वह मना करने लगी, “अब बस कर, मुझे छोड़ दे।” मैंने उसे घुटनों पर बिठाया और उसके मुँह पर वीर्य छोड़ दिया। वह बाथरूम में गई और मैं भी उसके पीछे गया। बाथरूम में कमोड पर बैठकर मुठ मारने लगा। हमने एक-दूसरे को देखा और हँसने लगे।
अब जब भी हम मिलते हैं, खूब चुदाई करते हैं। हमें पोर्न की लत है और उसे देखकर हम वैसा ही सेक्स करते हैं। बहुत मजा आता है।
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