हाय दोस्तों, मेरा नाम आयुष है। ये मेरी एकदम नई सेक्सी कहानी (sexy kahani) है, जिसमें मैं आपको अपने हॉट अनुभव (hot anubhav) और कामुक पलों (kamuk pal) के बारे में बताऊँगा। ये कहानी मेरे स्कूल के दिनों की है, जो मेरे साथ घटी थी। ये मेरी ग्रुप सेक्स की कहानी है, जिसमें मैं और दो लड़कियाँ—प्रिया और करिश्मा—शामिल हैं। ये दोनों लड़कियाँ स्कूल में मेरी जूनियर थीं और बहुत सुंदर थीं। इनके बॉल्स बहुत खूबसूरत और मस्त थे। वो दोनों मुझे घूरकर देखती थीं। जब मैं स्कूल में भाषण देता था, तो वो मुझे अजीब नज़रों से देखती थीं, लेकिन मैंने उस वक्त इस पर ध्यान नहीं दिया।
फिर मेरा स्कूल का फेयरवेल नज़दीक आ गया। अब स्कूल को अलविदा कहने का दिन पास था। एक दिन फ्री पीरियड में मैंने स्कूल की छत पर जाने का सोचा। मैं अक्सर फ्री पीरियड में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ छत पर बात करने जाता था। उस दिन भी मैं ऊपर गया और हमेशा की तरह कोने में जाकर बैठ गया।
मैंने देखा कि दूसरी तरफ कोई था। मैंने जाकर देखा तो प्रिया और करिश्मा वहाँ बैठी थीं। वो एक-दूसरे के बॉल्स चूस रही थीं और दबा रही थीं। दोनों के बॉल्स शर्ट से बाहर निकले हुए थे। प्रिया के बॉल्स एकदम गोरे थे, और उसके निप्पल्स गुलाबी थे। करिश्मा के बॉल्स भी गोरे थे, लेकिन उसके निप्पल्स ब्राउन थे। दोनों गर्म हो चुकी थीं, इसलिए उनके बॉल्स और निप्पल्स टाइट हो गए थे। मैं छुपकर उन्हें देखने लगा और अपने मोबाइल में उनकी वीडियो क्लिप बना ली। मैंने सोचा कि इसे अपने दोस्तों को दिखाऊँगा। लेकिन उस वक्त ये नहीं सोचा कि अगर मैं उन्हें रंगे हाथ पकड़ लेता, तो मेरी चुदाई की व्यवस्था हो सकती थी।
फिर स्कूल की घंटी बजी, और सब क्लास में चले गए। मैं स्कूल का प्रतिनिधि था, इसलिए मैदान चेक करके आखिर में क्लास में जाता था। उनकी क्लास मेरी क्लास के सामने थी, और मैं खिड़की से उन्हें देख सकता था। जब मैं अपनी जगह पर बैठकर बाहर देखता, तो वो दोनों भी मुझे देखती थीं। मुझे लगा कि ये मुझे पट सकती हैं। अब तो मेरे पास उनकी वीडियो क्लिप भी थी। अगर कुछ गड़बड़ हुई, तो भी मैं नहीं फँसने वाला था।
स्कूल की छुट्टी के बाद मैं अपनी गाड़ी लेकर स्कूल के बाहर उनकी राह देख रहा था। वो दोनों स्कूल से पैदल क्लास जाती थीं और वहाँ से रिक्शा लेकर घर। जैसे ही वो क्लास की ओर चलने लगीं, मैं उनके पास गया और अपनी गाड़ी उनके सामने रोक दी। उन्होंने मुझे स्माइल दी। मैंने कहा,
मैं: “तुम्हें कहीं छोड़ दूँ?”
प्रिया: “नहीं, हम क्लास जा रहे हैं। पास ही है, हम चले जाएँगे।”
(तभी करिश्मा ने जल्दी से कहा)
करिश्मा: “हाँ, वैसे भी मैं थक गई हूँ। क्या तू हमें छोड़ेगा?”
मैं: “हाँ।”
प्रिया: (थोड़े भारी स्वर में) “ठीक है करिश्मा, तू जा। मैं पैदल आती हूँ।”
करिश्मा: “ठीक है, तू नीचे मेरा इंतज़ार कर।”
मैं: “प्रिया, तू भी बैठ ना। मैं दोनों को छोड़ दूँगा।”
प्रिया: “पक्का? ट्रिपल सीट?”
मैं: “हाँ, लेकिन तुझे पसंद न आए तो उतर जाना।”
प्रिया: “ठीक है।”
मैंने गाड़ी स्टार्ट की और लंबे रास्ते से उन्हें छोड़ने निकला। रास्ते में उनसे बात करने के लिए मैंने लंबा रास्ता चुना और बीच-बीच में ब्रेक भी मार रहा था। इससे करिश्मा के बॉल्स मुझे टच हो रहे थे। करिश्मा ने अपने हाथ मेरी जाँघ पर रखे थे, और प्रिया ने अपने हाथ करिश्मा से चिपकाए थे।
करिश्मा इतनी चालाक थी कि चलती गाड़ी में मेरी जाँघ पर हाथ फेर रही थी। मुझे ये महसूस हो रहा था, और मेरा लंड जागने लगा। मुझे लगा कि ये सही मौका है छत वाली बात बताने का। मैंने करिश्मा से कहा,
मैं: “करिश्मा, तू फ्री पीरियड में कहाँ जाती है?”
करिश्मा: (घबराते हुए) “कहाँ जाती हूँ मतलब?”
मैं: “मतलब फ्री पीरियड में तू दिखती नहीं, तो कहाँ जाती है? तू और प्रिया कहाँ रहते हो?”
करिश्मा: “कहीं नहीं, हम क्लास में ही रहते हैं।”
मैं: “शशश, चलो झूठ मत बोलो। मैंने तुझे छत पर देखा है।”
प्रिया: (घबराते हुए) “क्या? कब?”
मैं: “घबराओ मत, मुझे तुम दोनों के बारे में सब पता है।”
करिश्मा: “क्या पता है?”
मैं: “हाँ, वही जो तुम दोनों फ्री पीरियड में छत पर जाकर करती हो।”
प्रिया: “तू ये किसी को मत बताना, प्लीज।”
करिश्मा: “अच्छा, तो तुझे पता है ना हम क्या करते हैं? बता ना, क्या करते हैं?”
मैं: “हाँ करिश्मा, मुझे पता है कि तू और प्रिया ऊपर क्या करती हो। तुम एक-दूसरे के बॉल्स—”
इतना कहते ही करिश्मा ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और बोली, “बस, अब ये बात किसी को मत बताना। ये हमारे तीनों के बीच सीक्रेट रहेगा, ओके?” मैंने कहा, “ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊँगा। लेकिन मुझे इसका क्या मिलेगा?”
प्रिया: “देख आयुष, तुझे कुछ मिले न मिले, लेकिन हम दोनों की वाट लग जाएगी। तू अपना मुँह बंद रखेगा।”
करिश्मा: “अरे बेबी, देख हमें जो चाहिए, वही इसे भी चाहिए। है ना आयुष?”
मैं: “हाँ, तू तो बहुत स्मार्ट है।”
प्रिया: “ठीक है, लेकिन कुछ भी हो, ये बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए।”
मैं: “अरे हाँ यार प्रिया, मुझ पर भरोसा रख। मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगा।”
प्रिया: (मेरी जाँघ पर हाथ फेरते हुए) “अच्छा, तो ठीक है।”
मुझे समझ आ गया कि प्रिया इतनी समझदार नहीं थी, लेकिन उसमें भी करिश्मा जितना ही जानवर छुपा था। अब दोनों का क्लास आ गया। वो गाड़ी से उतरीं। करिश्मा ने प्रिया के कान में कुछ कहा। मैंने पूछा, “क्या चल रहा है?” वो बोली, “बस 2 मिनट, देख ले।” प्रिया ऊपर गई और 5-10 मिनट बाद नीचे आई। तब तक मैं और करिश्मा नीचे रुके थे। प्रिया क्लास से छुट्टी लेने गई थी। उसने कोई बहाना बनाकर नीचे आ गई। मुझे समझ आ गया कि ये कितनी चालाक हैं।
फिर दोनों गाड़ी पर बैठीं और बोलीं, “कहीं सुनसान जगह ले चल।” इस बार प्रिया बीच में बैठी थी। वो मुझसे चिपककर बैठी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने एक दोस्त के रूम पर गाड़ी ले जाकर रोकी। मैंने अपने दोस्त को फोन करके पहले ही बता दिया था। हम उसके रूम पर पहुँचे। मैंने दोस्त को नहीं बताया था कि मैं उन्हें चोदने वाला हूँ। मैंने कहा कि मुझे कुछ लिखना है, इसलिए रूम खाली चाहिए। मेरा दोस्त बाहर जा रहा था, तो उसने चाबी वॉचमैन को देकर चला गया।
मैंने एक जगह गाड़ी रोकी और अपनी बैग से कुछ नोटबुक्स निकालीं। उन्हें उनके हाथ में दे दीं, ताकि लगे कि हम पढ़ाई के काम से आए हैं। फिर हम तीनों रूम में पहुँचे, और मैंने रूम अंदर से लॉक कर दिया। मेरा दोस्त 4-5 घंटे तक नहीं आने वाला था। इन दोनों का क्लास 3 घंटे का था, तो उन्हें भी घर जाने की जल्दी नहीं थी।
करिश्मा और प्रिया अंदर आकर बैठ गईं। मैं भी बैठ गया। हम फिर छत वाली बात पर चर्चा करने लगे। दोनों मेरे पास बैठीं और मुझे इधर-उधर छूने लगीं। मैं कुछ बोल पाता, उससे पहले करिश्मा ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रखे और मुझे किस करने लगी।
प्रिया मेरी पैंट की चेन खोलने लगी। मुझे लगा कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ। मैं करिश्मा को जोर से किस कर रहा था। हमारे होंठ एक-दूसरे को ऐसे चूस रहे थे जैसे सालों से प्यासे हों। करिश्मा बहुत गर्म हो गई थी। उसने 10 मिनट तक मुझे किस किया। इधर प्रिया मेरी पैंट की चेन खोलकर मेरे लंड को चूस रही थी।
दोस्तों, मुझे इतना सेक्स कभी नहीं चढ़ा था। मैं 15 मिनट में ही झड़ गया। मेरा सारा वीर्य प्रिया ने टिश्यू पेपर से साफ किया और फिर मेरे लंड से खेलने लगी। मैंने करिश्मा का टॉप और स्कर्ट उतार दी। प्रिया ने खुद अपना टॉप उतारा। अब दोनों ब्रा और पैंटी में थीं। मैंने करिश्मा और प्रिया के बॉल्स हाथ से दबाने शुरू किए। वो पागलों की तरह आवाज़ करने लगीं— “आआआ उम्म्म्म उफ्फ्फ्फ आह्ह्ह ओह्ह्ह्ह।” ये सुनकर मेरा लंड फिर खड़ा और टाइट हो गया।
मैंने प्रिया को अपनी बाहों में लिया और किस करने लगा। 5 मिनट तक मैं उसे किस करता रहा और उसके बॉल्स दबाता रहा। इधर करिश्मा मेरे लंड और गोटियों से खेल रही थी। मैंने थोड़ा म्यूज़िक ऑन किया। गर्मी बढ़ रही थी, तो एसी भी चालू कर दिया। हम तीनों खड़े हुए। मैंने कहा, “चलो, डांस करते हैं।”
मैंने धीरे-धीरे अपनी पैंट उतारी, फिर टी-शर्ट भी। उनकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी। अब हम तीनों नंगे हो गए और डांस करने लगे। करिश्मा मेरे सामने आई, नीचे झुकी और अपनी गांड से मेरा लंड रगड़ने लगी। उसकी गांड से मेरा लंड हिलने लगा। प्रिया मेरे शरीर पर हाथ फेरकर मुझे गर्म कर रही थी।
मैं करिश्मा की गांड पर मारने लगा। मज़ा आ रहा था। करिश्मा मेरे सामने थी, और प्रिया मुझसे चिपककर डांस कर रही थी। मैंने एक हाथ से करिश्मा की गांड दबाई और दूसरे से प्रिया की चूत रगड़ने लगा। उन्हें बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरे पेट और कंधे को दाँतों से काट रही थीं। मैंने प्रिया को सोफे पर बैठने को कहा। फिर करिश्मा को डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और उसकी चूत चाटी। वो “ओह्ह्ह्ह” करने लगी।
मैंने करिश्मा से कहा, “प्रिया की चूत चाट।” मैं पीछे से करिश्मा की चूत में लंड डालने लगा। करिश्मा प्रिया की चूत को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी। दोनों के “ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह” आवाज़ सुनकर मेरा लंड एकदम कड़क हो गया। मैं करिश्मा की चूत पर लंड रगड़ने लगा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि तेल लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ी। उसकी चूत टाइट थी। मैं धीरे-धीरे लंड डालने लगा, लेकिन उसकी चूत वर्जिन और बहुत टाइट थी।
मैंने 1-2 बार धीरे से कोशिश की। जैसे ही मेरा थोड़ा लंड अंदर गया, वो ज़ोर से चिल्लाई। मैंने प्रिया से कहा, “इसे लिप किस कर और इसका आवाज़ कम कर।” प्रिया ने उसे जल्दी से किस करना शुरू किया और उसका आवाज़ दबाने लगी। मैंने धीरे से आधा लंड उसकी चूत में डाला और थोड़ी देर रुका। तब तक करिश्मा शांत हो गई।
मैंने धीरे-धीरे लंड आगे-पीछे करना शुरू किया। करिश्मा को थोड़ा दर्द हो रहा था, और वो “अह्हह” कर रही थी। थोड़ा आगे-पीछे करने के बाद मैंने देखा कि उसका सील टूट गया था। मेरे लंड पर उसकी चूत का खून लग गया था। मैंने टिश्यू पेपर लिया और अपना लंड व उसकी चूत साफ की। फिर लंड उसकी चूत में डाला। अब उसे मज़ा आने लगा। वो ज़ोर से “अह्ह्ह उम्म्म्म” कर रही थी, “आयुष, फक माय पुसी, फक मी, ओह्ह।”
मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ाई और उसे जोर-जोर से चोदने लगा। चोदते-चोदते वो बोली, “अह्हह, मैं आ रही हूँ, रुकना मत, उम्म्म्म उफ्फ्फ्फ अह्ह्ह।” उसने शरीर हिलाते हुए ढीली पड़ गई और पानी छोड़ दिया। उसकी चूत के पानी से मेरा लंड पूरा गीला हो गया। मैं उसे चोदता रहा। पानी की वजह से “पच पच पच” की आवाज़ आने लगी। 5 मिनट बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला था। मैंने कहा, “अब मेरा भी आने वाला है। बता करिश्मा, मेरा पानी कहाँ डालूँ?” करिश्मा बोली, “आआआईईई उछ्छ्ह माय बेबी, आय एम कमिंग।” मैंने लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसकी पीठ पर वीर्य छोड़ दिया।
उसकी पीठ मेरे पानी से पूरी गीली हो गई। मैं अपने लंड को उसकी गांड पर रगड़ने लगा। प्रिया हमारी चुदाई देख रही थी और अपनी चूत से खेल रही थी। उसने ऐसा करते-करते एक बार पानी छोड़ दिया था। मैं ढीला पड़ गया और करिश्मा को किस करते हुए प्रिया के पास सोफे पर बैठ गया। प्रिया ने मेरा लंड चूसा और साफ किया। अब प्रिया मेरे लंड से खेल रही थी और कह रही थी, “अब मेरी बारी है।” थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर टाइट हो गया और प्रिया को चोदने के लिए तैयार था। फिर मैंने प्रिया को चोदा। इसके बाद हमने कपड़े पहने और बाहर आए। हमने दोस्त का रूम लॉक किया, चाबी वॉचमैन को दी, और अपने-अपने घर चले गए।
78 views