नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम सार्थक है और मेरी उम्र २१ साल है। मेरे पापा ४८ साल के हैं और उनका नाम गौरव है, वो एक कंपनी में नौकरी करते हैं। मेरी माँ गृहिणी है और उनकी उम्र ३२ साल है। मैं आज आपको अपनी माँ के संभोग की कहानी बताने जा रहा हूँ।
दोस्तों, मेरे पड़ोस में एक अंकल रहते हैं और उनका नाम राजेश है। उनकी उम्र ४२ साल है और वो अविवाहित हैं। यह कहानी उस समय की है जब मैं १८ साल का था और उस वक्त स्कूल जाता था। जब मैं माँ के साथ कहीं बाहर जाता था, तो मुझे राजेश अंकल मिलते थे और वो हमारे साथ बात करते थे। वो माँ को बहुत गंदी नज़रों से देखते थे, लेकिन मैंने उस वक्त इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर अंकल धीरे-धीरे मेरे करीब आने लगे और मेरे साथ बहुत अच्छे से बात करने लगे। मैं भी उनके घर जाने लगा था और वो भी हमारे घर आने लगे थे। हमारी दोस्ती इतनी बढ़ गई थी कि वो कभी-कभी मुझे ब्लू फिल्म दिखाने लगे और मेरे साथ बहुत मस्ती और मज़ाक करते थे।
फिर मैंने अंकल से कहा कि मैंने आपको मेरी माँ की गांड को घूरते हुए देखा है, तो वो मुझसे बोले, यार, तू बिल्कुल बुरा मत मानना। मुझे तेरी माँ बहुत पसंद है और मुझे उसे बार-बार देखने का मन करता है। अब तू ही बता मैं क्या करूँ? फिर मैंने कहा, अंकल, मैं आपकी कोई मदद नहीं कर सकता। मुझे ये बहुत बुरा लगा, लेकिन मैं क्या करूँ?
फिर मैं अपने घर गया और देखा कि मेरे पापा टूर पर जाने की तैयारी कर रहे थे। मैंने उन्हें अंकल को यहाँ बुलाने को कहा और वो तैयार हो गए। पापा के जाने के बाद अंकल मेरे घर आए। माँ ने खाना बनाया और अंकल मुझे पढ़ा रहे थे, लेकिन उनकी सारी नज़र माँ की कमर पर थी।
फिर हमने खाना खाया और बेडरूम में गए। उस वक्त थोड़ी ठंड थी, इसलिए मैंने और अंकल ने एक चादर ली थी। वो मेरा लिंग हिला रहे थे और मैं उनका लिंग हिला रहा था। कुछ देर बाद मेरी माँ भी मैक्सी पहनकर वहाँ आई और उसने हमें दूध दिया और मेरी दूसरी तरफ आकर लेट गई। फिर अंकल ने अपना पायजामा थोड़ा ढीला किया और अपना लिंग मेरी गांड के पास रखकर सहलाने लगे। फिर उन्होंने मेरा हाथ अपने लिंग पर रखा और मैं सहलाने लगा। मैं उनकी मुठ मार रहा था। तभी मुझे गर्मी लगने लगी और माँ के हिलने की आहट हुई। फिर मैं उठा और टॉयलेट में गया। मैं वापस आया तो देखा कि अंकल अब मेरी जगह पर आ गए हैं और मैं उनके पास लेट गया।
फिर अंकल ने मेरी ओर देखा और मुझे आँख मारी। उन्होंने एक हाथ माँ के ऊपर रखा और अपनी चड्डी उतार दी। वो माँ की मैक्सी ऊपर करने लगे और अपने पैर माँ के पैरों पर रखकर उन्हें सहलाने लगे और एक हाथ से उनके स्तन धीरे-धीरे दबाने लगे। अब माँ को भी नींद खुल गई थी और वो माँ की मैक्सी के ऊपर से उनकी गांड को अपने लिंग से छू रहे थे, लेकिन माँ सोने का नाटक कर रही थी और उनकी साँसें तेज़ हो गई थीं। वो शर्म से कुछ बोल नहीं पा रही थीं और अंकल ने उनके स्तनों को मैक्सी के ऊपर से दबाना शुरू किया।
फिर उन्होंने माँ की मैक्सी में अपना एक हाथ डाला और उनकी चूत में एक उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगे, जिससे माँ आवाज़ करने लगीं, अह्हह उम्म्म्म ओह्ह्ह्ह।
तब अंकल ने माँ की चूत में थोड़ी नमी देखी और उन्हें समझ आया कि वो उनके साथ संभोग के लिए पूरी तरह तैयार हो गई हैं। फिर उन्होंने पैंटी उतार दी और उन्हें खींचकर अपने पास लिया और दोनों पूरी तरह चिपक गए। माँ ने मेरी ओर देखा, लेकिन मैंने सोने का नाटक किया। वो थोड़ा डर रही थीं कि अगर मैं उठ गया तो क्या होगा? फिर अंकल ने उनसे कहा कि कुछ नहीं होगा, मैं हूँ ना? तू डर मत।
फिर उन्होंने माँ की मैक्सी उतार दी और माँ अब उनके सामने पूरी तरह नंगी खड़ी थीं। अंकल ने उन्हें चूमना शुरू किया और अंकल ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए। दोनों पूरी तरह नंगे होकर चिपक गए और वो माँ के स्तनों को दबाने लगे और चूमना शुरू किया। माँ ने उनका काला लिंग पकड़ा और हिलाने लगीं।
फिर अंकल माँ के ऊपर आए और लिंग पर तेल लगाकर उसे चूत पर सेट किया। फिर अंकल लिंग को धक्का देकर अंदर-बाहर करने लगे और माँ के मुँह से उछ्ह्ह उम्म्म ओह्ह्ह की आवाज़ें आने लगीं। अंकल थोड़ा रुके और उन्हें चूमने लगे और उनके स्तनों को दबाने लगे। फिर धीरे-धीरे धक्का देते हुए उन्होंने चोदने की गति बढ़ाई और माँ उनकी गांड पकड़कर उन्हें पास खींच रही थीं। पूरे कमरे में उनकी साँसों की आवाज़ें गूँज रही थीं। कुछ देर बाद माँ ने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन अंकल बिना रुके उन्हें चोदते रहे। फिर कुछ देर चोदने के बाद उनका वीर्य बाहर निकला और उन्होंने सारा वीर्य माँ की नाभि पर डाल दिया।
फिर कुछ देर बाद माँ ने अपनी पैंटी से सब साफ किया और दोनों टॉयलेट में जाकर आए और फिर से चुदाई करने लगे। फिर वो 69 पोज़ीशन में आए और दोनों ने एक-दूसरे के लिंग और चूत को बहुत देर तक चाटा। फिर अंकल ने माँ को उल्टा किया और उनकी गांड सहलाने लगे और उन्होंने गांड के छेद पर बहुत सारा तेल लगाया और अपना लिंग उस पर रखा और माँ के ऊपर चढ़कर लेट गए। वो माँ की गांड में धक्के देने लगे और माँ अह्हह उछ्ह उम्म्म करने लगीं। इसी बीच वो उठे और उन्होंने माँ को घोड़ी बनाया और अपना लिंग डालकर चोदने लगे। माँ मज़े से अपनी चूत सहला रही थीं और अंकल आखिरकार थक गए और लेट गए।
फिर माँ अंकल के ऊपर आईं और अपनी चूत को लिंग पर रगड़ने लगीं। अंकल आवाज़ कर रहे थे उछ्ह उम्म्म। फिर माँ ने पानी छोड़ दिया, लेकिन अभी तक अंकल ने पानी नहीं छोड़ा था और उन्होंने माँ से लिंग चूसने को कहा। फिर माँ उनका लिंग चूसने लगीं और इसी बीच मुझे नींद आ गई। जब मैं उठा तो अंकल और माँ दोनों नंगे सो रहे थे। अंकल का लिंग माँ की बाजू में छोटा होकर पड़ा था। तभी ६:३० का अलार्म बजा और माँ उठीं और उन्होंने मेरी ओर देखा, लेकिन मैंने आँखें बंद कर लीं। फिर कुछ देर बाद अंकल उठे और हमने बाहर से नाश्ता मँगवाया। मैंने नाश्ता किया और परीक्षा देने गया, लेकिन अंकल अभी भी वहाँ थे। दोस्तों, ये थी मेरी माँ की कहानी।
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