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हैलो दोस्तों, मेरा नाम मीनाक्षी है और मेरी शादी को २ साल पूरे हो गए हैं। मेरे बॉल का साइज़ ३८ है और मेरे बॉल आकार में बहुत बड़े हैं। लेकिन दोस्तों, मेरे पति का लंड बहुत छोटा है, इसलिए मुझे पता था कि वो कभी भी मुझे चोदकर संतुष्ट नहीं कर सकता। उन्होंने मुझे आज तक वो सुख नहीं दिया, जिसके लिए मैं अब तक तड़प रही हूँ। आज मैं आपको अपनी सच्ची चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ, जिसमें मैं बताऊँगी कि कैसे मैंने अपनी सालों की प्यासी चूत को चोदकर शांत किया।

दोस्तों, मेरा पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है और मैं घर का काम करती हूँ, यानी कि एक गृहिणी हूँ। जब हम अपने नए घर में आए, जो हमें मेरे पति की कंपनी ने दिया था, वहाँ आसपास बहुत लोग रहते थे। वो सब बहुत अच्छे लोग थे और उनका व्यवहार भी मेरे साथ अच्छा था। उनमें से एक मेरे पति का अच्छा दोस्त बन गया था। वो कभी-कभी मेरे साथ भी मज़ाक-मस्ती करता था, लेकिन उसकी नज़र हमेशा मेरे शरीर पर ही दिखती थी। वो मुझे बहुत घूरकर देखता था, लेकिन मुझे नहीं पता क्यों, मैं उसे कुछ नहीं कहती थी और उसे आगे आने का मौका मिलता गया।

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दोस्तों, वो रोज़ मेरे घर आता था। एक दिन जब वो मेरे घर आया, तब मेरा पति घर पर नहीं था और मैं अकेली थी। वो अब मेरे साथ बहुत हँसकर बात करने लगा और बोलने लगा कि मैं बहुत सुंदर हूँ और मेरा फिगर भी मस्त है। मुझे उसकी बात सुनकर अच्छा लगा। मैं वो सुनकर थोड़ा शरमा गई और सिर झुकाकर वहाँ से किचन की तरफ चली गई और अपना काम करने लगी।

वो कुछ देर कमरे में अकेला बैठकर चला गया। लेकिन उस दिन के बाद जब भी वो मेरे घर आता, वो मुझे भूखी नज़रों से देखता और मुझे छूने की कोशिश करता। मुझे अब उसकी ये बात अच्छी लगने लगी थी, क्योंकि मैं बहुत प्यासी थी और मुझे भी किसी बड़े लंड की ज़रूरत थी, जो मेरी चूत को चोदकर शांत कर सके। अब मैं भी उसे अपने बॉल, कमर, गांड दिखाने लगी और ज़्यादा बड़े गले के कपड़े पहनने लगी, जिनसे मेरे बड़े-बड़े बॉल उसे दिखें और मैं उसे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी। अब वो मेरे जाल में फँसता जा रहा था। फिर एक महीने बाद मेरे पति को किसी काम से तीन दिन के लिए बाहर जाना था, इसलिए मैं घर पर अकेली थी और उस वक्त हम दोनों मैसेज करते थे।

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जब मेरे पति बाहर गए, तब वो उस दिन शाम को मेरे घर आया और मेरे पास बैठकर अपने मोबाइल से कुछ सेक्सी फोटो दिखाने लगा। उन्हें देखकर मैं धीरे-धीरे गरम होने लगी। वो मेरी जाँघ पर हाथ फेरते हुए आगे बढ़ने लगा। उसने मुझे अचानक पकड़कर सोफे पर लिटाया और मेरे बॉल दबाने लगा। मैं तो जोश में आ गई। मैंने उस वक्त सिर्फ मैक्सी पहनी थी और अंदर कुछ नहीं पहना था।

वो मेरे बॉल को कपड़ों के ऊपर से जोर से दबाने लगा और मेरे ऊपर लेट गया और चूमने लगा। वो मुझे उठाकर बेडरूम में ले गया और मेरी मैक्सी उतारकर मुझे नंगी कर दिया और वो भी नंगा हो गया। दोस्तों, मैं तो उसका लंबा और मोटा लंड देखकर डर गई। उसका लंड ७ इंच लंबा था और ३ इंच मोटा था। उसे देखकर मैं डर से वहीं खड़ी रह गई।

फिर वो बोला, “रंडी, कहाँ जा रही है? तूने इसे खड़ा किया, अब इसे चूसकर ले,” और उसने मेरे बाल पकड़कर अपना लंड ज़बरदस्ती मेरे मुँह में डाला और मेरा मुँह चोदने लगा। उसका लंड मेरे मुँह में सिर्फ ३ इंच जा रहा था। मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे और वो मुझे गालियाँ दे रहा था, “आह, रंडी, भोसड़ी की, जोर से चूस मेरा लंड, साली, तेरा पति तुझे नहीं चोदता, लेकिन मैं आज तुझे चोद-चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा।” ये सुनकर मैं बहुत डर गई।

फिर दस मिनट बाद उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे ऊपर बैठ गया। अब उसका लंड मेरे बॉल के बीच में था। वो अपने लंड से मेरे बॉल को चोदने लगा। वो बॉल को जोर से दबाने लगा। दस मिनट बाद उसने मेरे पैर उठाकर अपने कंधों पर रखे और अपना ८ इंच का लंड मेरी चूत पर लगाया और एक जोरदार धक्का मारा, जिससे मेरे मुँह से चीख निकल गई। मैं तो उस दर्द से धीरे-धीरे बेहोश होने लगी, लेकिन वो जानवर अब कहाँ रुकने वाला था?

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मैं उससे कहने लगी, “प्लीज़ इसे बाहर निकाल, वरना मैं मर जाऊँगी, उह्ह्ह्ह, आईई, प्लीज़, मुझे दुख रहा है,” लेकिन वो नहीं माना और धक्के देने लगा। फिर एक जोरदार धक्के से मैं बेहोश हो गई, लेकिन वो फिर भी मुझे चोदता रहा। पाँच मिनट बाद मुझे होश आया, तब भी वो मुझे जोर से धक्के दे रहा था।

वो मुझे अब और जोर से चोदने लगा और बोला, “आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊँगा।” दोस्तों, वो मुझे तीस मिनट तक चोदता रहा। इस दौरान मैं तीन बार झड़ी और अब वो झड़ने वाला था। मैंने कहा, “प्लीज़, अपना वीर्य अंदर मत डाल।” तो वो बोला, “क्यों रंडी, मेरा लंड लेती है, लेकिन मेरा वीर्य लेने को तैयार नहीं? मैं तो आज चूत में ही डालूँगा, साली छिनाल।”

उसने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया। मैं उसकी इस चुदाई से बहुत संतुष्ट हुई और मुझे वो सुख मिला, जो मैं अपने पति से माँग रही थी। उसने उस दिन मुझे शाम ५ से रात ११ बजे तक ४ बार चोदा। जिससे मैं अगले दिन सीधे चल भी नहीं पा रही थी। लेकिन मुझे उससे चुदवाने में बहुत मज़ा आया। फिर वो बाथरूम में गया, लंड साफ किया और अपने घर चला गया।

फिर मैंने अगली रात दो बजे उसे फोन किया और अपने घर बुलाया। मैंने दरवाज़ा खोला तो देखा कि वो अपने दो दोस्तों को मेरे साथ चोदने के लिए लाया था। ये देखकर मैं हैरान हो गई और मन ही मन खुश भी हुई। मैंने पूछा, “तू इन्हें यहाँ क्यों लाया?” तो वो बोला, “मेरी रानी, तेरी चूत फाड़ने के लिए ये मेरे साथ आए हैं।” दोस्तों, उस वक्त मैं सिर्फ टी-शर्ट और पैंटी में थी। मैंने उन्हें अंदर बुलाया, तो वो अंदर आने से मना करने लगे और बोले, “हम तुझे रंडी को यहाँ बाहर गार्डन में खुले में चोदेंगे।”

मैंने उनसे कहा, “रात हो गई है और कोई हमारी आवाज़ सुन लेगा तो बड़ी मुसीबत होगी। प्लीज़, आप सब अंदर आ जाओ और मेरे साथ जो करना है करो, मैं तुमसे चुदवाने को तैयार हूँ।” तभी उनमें से एक ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे उठाकर अंदर ले गया और डाइनिंग टेबल पर लिटाया। मेरी पैंटी उतारकर मेरी चूत चाटने लगा। बाकी दो मेरे पास खड़े थे। उनमें से एक ने मेरी टी-शर्ट पकड़ी और जोर से खींचकर फाड़ दी और मेरे बॉल को जोर-जोर से दबाने लगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो मुझे बहुत गालियाँ दे रहे थे और कह रहे थे, “ये साली रंडी छिनाल हमें पहले क्यों नहीं मिली? इसकी गांड तो अभी एकदम सील पैक है।”

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फिर उनमें से एक ने अपना ८ इंच का लंड बाहर निकाला और मेरे मुँह में घुसा दिया। मैं उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। फिर दूसरा बोला, “चल, अब मेरे लंड का भी मज़ा ले।” उसने इतना कहकर अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा और एक जोरदार धक्के से पूरा अंदर डाल दिया, जिससे मैं दर्द से चिल्लाने लगी। लेकिन मेरे मुँह में उनमें से एक का लंड था, जिससे मेरी आवाज़ अंदर ही दब गई। मेरे दोनों छेद उनके काम में लग गए थे। फिर कुछ देर चोदने के बाद उन्होंने मुझे वहीं टेबल पर कुतिया बनाया और दोनों तरफ से धक्के देकर चोदने लगे।

दोस्तों, मुझे उनकी चुदाई से बहुत आनंद हो रहा था, क्योंकि वो सब मिलकर मुझे चोद रहे थे। फिर तीसरे ने अपना लंड बाहर निकाला, तो वो काला, लंबा, मोटा लंड देखकर मैं डर गई, क्योंकि उसका लंड बाकी दोनों से भी ज़्यादा लंबा और मोटा था। वो मेरे नीचे आया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। उनमें से एक ने अपना लंड मेरे मुँह में डाला, दूसरा मेरी गांड फाड़ रहा था और तीसरा मेरे नीचे आकर मेरी चूत को शांत करने लगा।

दोस्तों, मैं आपको शब्दों में कैसे बताऊँ? मैं तो उनकी चुदाई से आसमान में थी और मुझे सेक्स में कभी इतना मज़ा नहीं आया था। मैं भी उनका साथ दे रही थी और वो अपने काम में ईमानदारी से लगे थे। फिर कुछ देर बाद वो एक-एक करके झड़ने लगे और उन्होंने अपना वीर्य मेरे अंदर छोड़ दिया, जिससे मेरा मुँह, चूत, गांड उनके गरम-गरम वीर्य से भर गई। फिर मैंने उनके सारे लंड चाटकर साफ किए और दोबारा चुदाई के लिए तैयार किए। दोस्तों, उन्होंने जगह बदल-बदलकर मुझे बहुत देर तक चोदा और उसके बाद उनका मेरे घर आना-जाना और मुझे चोदना चलता रहा। मैं उनकी चुदाई से बहुत संतुष्ट हूँ।

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