नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम राज है और मेरी माँ का नाम नीलम है। वो दिखने में बहुत ही सेक्सी औरत है और उसकी उम्र करीब 44 साल है। उसका रंग गोरा, हाइट 5.6 है। उसका सेक्सी फिगर 42-38-44 है। जो भी उसके बूब्स और हिलती हुई गांड देखता है, वो उसे चोदने की इच्छा करता है।
जब वो बाज़ार जाती है, तो उसकी गांड देखकर सबके लंड खड़े हो जाते हैं। कभी-कभी बस में कई लोग सही मौका देखकर उसकी गांड दबाते थे, लेकिन माँ को ये सब बहुत अच्छा लगता था। उसे दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करना बहुत पसंद था। दोस्तों, मैंने 12वीं तक पढ़ाई की और फिर एक प्राइवेट कॉलेज में बी.कॉम में दाखिला लिया। वहाँ मुझे नए-नए दोस्त मिले। उनमें से मेरा एक पक्का दोस्त बना, जिसका नाम सुमित था। वो हमेशा मेरी किसी भी काम में मदद करता था। वो लंबा, मज़बूत बॉडी बिल्डर था और दिखने में भी बहुत सुंदर था। उसे भाभियों को चोदने की बहुत आदत थी। ये बात मुझे कुछ दिनों बाद उससे पता चली कि वो सेक्स का शौकीन है और उसे ज़्यादा उम्र की चूत चोदना बहुत पसंद था।
दोस्तों, आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि उसने मेरी माँ के साथ क्या-क्या किया और उसे कैसे चोदा। एक दिन की बात है, मैं उसे अपने घर ले गया। उस दिन से वो मेरी माँ के पीछे पागल हो गया और उनकी चुदाई की शुरुआत भी उसी दिन से हुई। मैंने दरवाजे की घंटी बजाई। माँ ने दरवाजा खोला और सुमित को देखते ही माँ की आँखों में एक चमक आ गई। सुमित भी माँ को देखता रह गया।
वो माँ से बोला, “हेलो आंटी।” माँ ने भी कहा, “हेलो बेटा,” और उसे बैठने को कहा। फिर माँ किचन में चली गई। मैंने सुमित की ओर देखा तो वो अभी भी मेरी माँ की हिलती गांड को देख रहा था। मुझे ये बहुत अजीब लगा, लेकिन मैंने इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। धीरे-धीरे सुमित और मेरी माँ की अच्छी दोस्ती हो गई। अब जब मैं घर पर नहीं होता, सुमित मेरे घर आकर माँ के साथ गप्पें मारता और दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। वो कभी-कभी माँ के साथ नॉन-वेज बातें भी करता और माँ उसे सुनकर हँसती थी।
एक दिन माँ ने उससे कहा, “सुमित, तू मुझे आंटी क्यों कहता है? मैं तो तेरी दोस्त हूँ। मुझे सिर्फ नीलम कहकर बुला।” ये सुनकर सुमित बहुत खुश हुआ और उसे लगा कि उसे माँ को चोदने का सिग्नल मिल गया है। एक दिन जब मैं घर आया, तो मैंने सुना कि माँ और सुमित की आवाज़ किचन से आ रही थी। मैं किचन की ओर गया तो देखा कि माँ खाना बना रही थी और सुमित उसके पीछे खड़ा होकर अपना 8 इंच का लंड माँ की गांड पर रगड़ रहा था। लेकिन माँ उसे कोई विरोध नहीं कर रही थी। मुझे ये सब देखकर बहुत अच्छा लगा, तो मैं चुपचाप अपने कमरे में चला गया।
एक दिन सुमित बोला, “चल, कोई पिक्चर देखने चलें।” मैंने उसकी बात मानकर तुरंत हाँ कह दिया और अगले दिन हमने पिक्चर देखने का प्रोग्राम बनाया। अगले दिन जब मैं सुमित के घर गया, तो उसने कहा, “राज, मेरी तबीयत ठीक नहीं है। तू अकेला पिक्चर देखकर आ जा।” दोस्तों, अब मुझे कुछ गड़बड़ लगी। मुझे उसके बोलने पर भरोसा नहीं हुआ, लेकिन मैंने कहा, “ठीक है भाई, तू आराम कर। मैं अकेला पिक्चर देखने जाता हूँ।” ये कहकर मैं वहाँ से निकल गया।
लेकिन मैं पिक्चर देखने नहीं गया। मैं सुमित के घर के पीछे छिप गया। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि सुमित अपने घर से निकला और मेरे घर की ओर जाने लगा। मैं भी उसके पीछे छिपते-छिपते गया और अपने घर में पीछे के दरवाजे से अंदर घुस गया। थोड़ी देर बाद मुझे माँ के बेडरूम से आवाज़ सुनाई दी। सुमित कह रहा था, “नीलम, आज मुझे डांस करने का मूड है। चल ना, हम डांस करें।”
दोस्तों, उस वक्त माँ ने काले रंग की साड़ी पहनी थी और वो बहुत मस्त लग रही थी। माँ बोली, “चल, ठीक है।” और दोनों डांस करने लगे। थोड़ी देर बाद माँ बोली, “सुमित, अब मुझे बहुत गर्मी लग रही है। क्या हम कपड़े उतारकर डांस करें?” सुमित तो बहुत समय से इसी मौके का इंतज़ार कर रहा था। वो बोला, “हाँ नीलम, गर्मी तो लग रही है। चल, हम अपने-अपने कपड़े उतार दें।” उसने तुरंत अपनी पैंट और शर्ट उतार दी। अब वो सिर्फ अंडरवियर में था।
माँ ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। वो पूरी रंडी लग रही थी। मैं छिपकर उनका खेल देख रहा था और मज़े ले रहा था। कुछ देर बाद सुमित ने माँ को पकड़कर डांस करना शुरू किया और माँ ने भी सुमित को जोर से पकड़ लिया। इसके साथ सुमित ने माँ की पैंटी में पीछे से हाथ डाला और उसकी गांड दबाने और रगड़ने लगा।
माँ के मुँह से “आह्ह” की आवाज़ निकली। सुमित बोला, “क्या हुआ नीलम डार्लिंग, बुरा लगा क्या?” माँ बोली, “नहीं, मज़ा आ रहा है जान।” ये कहकर माँ ने सुमित का लंड अंडरवियर के ऊपर से पकड़ लिया और हँसते हुए बोली, “वाह, कितना बड़ा है तेरा। मुझे खाने को नहीं देगा क्या?” सुमित बोला, “हाँ नीलम, ये अब तेरा है। खा ले इसे।” और दोनों होंठों से किस करने लगे। दोनों ने एक-दूसरे को 15 मिनट तक चूसा। सुमित ने माँ के होंठों को काटा भी और चूसते-चूसते माँ की ब्रा और पैंटी भी फाड़ दी। अपनी अंडरवियर भी फाड़ दी और दोनों नंगे हो गए।
माँ ने उसका लंड देखा और उसे बहुत देर तक चूसा। फिर बोली, “वाह, कितना स्वादिष्ट है तेरा लंड।” सुमित बोला, “मेरी रानी, जोर से चूस। इसे बहुत मज़ा आ रहा है।” वो सुमित के लंड को 20 मिनट तक चूसती रही। फिर सुमित ने उसे बेड पर लिटाया और माँ की चूत चाटने लगा। माँ जोर-जोर से साँसें ले रही थी, “आह्ह्ह उह्ह्हह्ह, और चाट मेरे राजा, मेरी चूत का रस पी जा, आह्ह्ह उह्ह्हह्ह।” 15 मिनट तक चाट-चाटकर सुमित ने माँ की चूत को पूरी तरह गीला कर दिया। फिर उसने अपना लंड माँ की चूत में घुसा दिया। माँ के मुँह से जोर की चीख निकली, “अहहह उह्ह्हह्ह, प्लीज थोड़ा धीरे कर। क्या आज मुझे मार डालेगा? कितना बड़ा है, थोड़ा धीरे कर।”
वो बोला, “चुप रंडी, कितने दिनों से इंतज़ार कर रहा था। आज तुझे ऐसे नहीं छोड़ूँगा। चुपचाप मुझे चोदने दे।” माँ बोली, “हाँ, और जोर से कर, उह्ह्हह्ह, पूरा डाल, आईईईई, अंदर तक।” सुमित ने अब चोदने की स्पीड बढ़ा दी थी। वो मेरी माँ को जोर-जोर से धक्के मारकर चोद रहा था। माँ “आहहह उह्ह्हह्ह उईईईई आई गयी मैं” कर रही थी और बोल रही थी, “हाँ मादरचोद, बहनचोद, तू तो बहुत अच्छा चोदता है। वाह, मुझे आज मज़ा आ गया।” आधे घंटे बाद माँ की चूत से पानी निकला और सुमित ने अपना वीर्य माँ के मुँह में छोड़ दिया। माँ ने उसे तुरंत पी लिया।
फिर उसने माँ को उल्टा लिटाया और किचन से तेल लाया। उसने माँ की गांड में थोड़ा तेल लगाया ताकि उसका पूरा लंड माँ की गांड में घुस जाए। फिर अपने लंड पर भी तेल लगाया और एक ही झटके में पूरा लंड माँ की गांड में घुसा दिया। माँ बहुत जोर से चिल्लाई, “अह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह, मार डाला रे मुझे! मादरचोद, फाड़ दी मेरी गांड, साले हरामी।” लेकिन सुमित कहाँ सुनने वाला था। वो बोला, “कुतिया रंडी, तेरी गांड देखकर सबका लंड खड़ा होता है। क्या गांड है तेरी मेरी रानी।” और वो लगातार धक्के मारने लगा।
माँ की आँखों से आँसू निकल आए। वो “आह्ह्ह उह्ह्हह्ह आईईईई” कर रही थी। लेकिन कुछ देर बाद माँ को भी मज़ा आने लगा और वो मज़े में अपनी गांड मरवाने लगी। वो बोल रही थी, “और मार, फाड़ दे मेरी गांड, अहहहह आह्ह्हह्ह।” 45 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद सुमित ने माँ की गांड में वीर्य छोड़ दिया और दोनों वैसे ही पड़े रहे। कुछ देर बाद माँ बोली, “सुमित, आज मैं तेरी रंडी बन गई हूँ। लेकिन अब तू मुझे रोज चोदेगा और मेरी चूत और गांड को शांत करेगा।”
दोस्तों, माँ के मुँह से ये सुनकर सुमित बहुत खुश हुआ। उसने माँ के बूब्स पकड़े और उन्हें जोर-जोर से दबाने, चूसने लगा। उसने काटा भी। उस दिन से सुमित रोज मेरे घर आने लगा और जब मैं घर पर नहीं होता, तो इस मौके का फायदा उठाकर माँ को चोदता। माँ भी उस दिन से बहुत खुश दिखने लगी थी। उसके चेहरे पर एक अलग सी चमक आ गई थी। वो इस चुदाई से मन से तृप्त दिख रही थी। मुझे कुछ नहीं कहती थी, लेकिन सब समझती थी। मैं भी चुपचाप रहता था।
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