हाय दोस्तों, मैं प्रेम आप सभी चूत वालियों को अपने लंड से नमस्ते करता हूँ और लंड वालों को आप खुद कर लो।
तो अब मैं कहानी पर आता हूँ। इस बार जब मैं होली पर गाँव गया था, तो तीन साल बाद गया था। मेरे आने से सारे लोग बहुत खुश हो गए थे। ट्रेन के सफर से थककर उस दिन मैं सो गया था। रात 9 बजे पापा ने मुझे उठाया, मैंने खाना खाया और फिर सो गया।
सुबह उठकर मैं छत पर व्यायाम करने गया। देखा तो पड़ोस की छत पर एक औरत सो रही थी। मैंने सोचा शायद चाची या दीदी होगी, ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने काम में लग गया। कुछ देर बाद मेरी नजर उस पर गई तो वो मुझे देख रही थी। मैं भी उसे एकटक देखता रहा। वो न चाची थी, न दीदी। वो बहुत गोरी थी, उसका चेहरा सेक्सी था, उसके बूब्स 34 साइज के थे और उसकी आँखें बहुत कामुक थीं। मैं उसे 2 मिनट तक देखता रहा। फिर उसने पूछा, “आपका नाम प्रेम है?” मैंने हाँ कहा। वो बोली, “मैं दीपू की भाभी हूँ।” मुझे याद आया कि दीपू भैया की शादी हो चुकी है और ये उनकी पत्नी है। मैंने उसे नमस्ते किया। कुछ देर बात करने के बाद वो चली गई और बोली, “शाम को जरूर आना।” मैंने हाँ कहा और अपने काम में लग गया।
शाम को हम खेतों में घूम रहे थे। तभी भाभी आती दिखी। मैं उनके पास गया। उसने पूछा, “अकेला क्या कर रहा है?” मैंने कहा, “घूम रहा हूँ।” वो बोली, “चल हमारे खेत में।” मैं उसके साथ गया। रास्ते में हम बातें करते और मज़ाक करते रहे।
खेत में पहुँचकर देखा कि वहाँ घास उगा था। बात करते-करते हम सेक्स की बातों पर आ गए। वो बोली, “भैया शहर गए हैं, तब से मैं रोज उंगली से काम चला रही हूँ।” मैंने कहा, “गाँव में कोई मर्द नहीं मिलता क्या?” वो बोली, “नहीं, यहाँ के लोगों पर भरोसा नहीं। दो महीने पहले शंभू की बीवी का पता चला था कि उसने 15 लोगों से चुदवाया था। उसे घर में बहुत कुछ सहना पड़ता है।” मैंने कहा, “मुझे उससे मिलवा दो।” वो बोली, “क्यों?” मैंने कहा, “मुझे भी उसे चोदना है।” वो बोली, “ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है।” मैंने पूछा, “क्या?” वो बोली, “किसी को बताना नहीं।” मैंने कहा, “ठीक है।” फिर उसने कहा, “क्या हम दोनों भी कर सकते हैं? लेकिन किसी को बताना नहीं।” मैं तैयार हो गया।
मैंने कहा, “मैं यहाँ सिर्फ 10 दिन के लिए आया हूँ।” वो बोली, “शादी के बाद से 1.5 साल हो गए, वो आए नहीं। मैं बहुत प्यासी हूँ। सुबह तुम्हें देखा तो सोचा कि होली से पहले अपनी चूत मरवाऊँ।” वो बोली, “होली में बहुत मज़ा आएगा।” फिर हमने खेत में काम शुरू किया। उसने कहा, “यहाँ नहीं, गन्ने के खेत में चलो।” हम वहाँ गए। उसने एक-एक करके अपने कपड़े उतारे। उसने अंदर कुछ नहीं पहना था। उसके बूब्स एकदम सख्त थे। मैंने पूछा, “ये इतने टाइट कैसे हैं?” वो बोली, “शादी के बाद 20-30 बार ही किसी तरह किया है।” मैंने पूछा, “तुम्हारी चूत भी टाइट होगी ना?” वो बोली, “शहर में रहता है, चूत मारना तो आता ही होगा। कोई दिक्कत नहीं। मुझे जोर-जोर से चोद दे ताकि मैं तेरी रंडी बन जाऊँ।”
मैंने कहा, “मैं तुम्हें ऐसा चोदूँगा कि तुम मुझे जिंदगी भर नहीं भूलोगी। तुम्हारी जैसी परी को चोदने में मैं कोई कसर नहीं छोड़ूँगा।” ये कहते हुए मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। वो गर्म होने लगी और बोली, “प्लीज प्रेम, मेरी चूत को रगड़ दे और उसमें उंगली डाल।” मैं उसकी चूत रगड़ने लगा। फिर मैं उसके होंठों से लेकर चूत तक चाटने लगा। वो बोली, “आज तक किसी ने मुझे इतना प्यार नहीं किया। आज से मैं तेरी रखैल हूँ। जब चाहे, जैसे चाहे, मुझे चोद दे।”
मैं उसे किस करने लगा और उसके बूब्स और चूत रगड़ने लगा। उसने बहुत जल्दी पानी छोड़ दिया। फिर मैं उसे चाटने और चूसने लगा। करीब 5 मिनट बाद उसने फिर पानी छोड़ा और बोली, “अब प्लीज मुझे चोद दे, वरना मैं पागल हो जाऊँगी।” मैंने अपनी चड्ढी उतारी। उसे देखकर वो बोली, “बाप रे, कितना बड़ा और लंबा है। उनका तो 4 इंच है, तुम्हारा तो 7 इंच लगता है और बहुत मोटा भी है।” मैंने कहा, “इससे तुम्हें बहुत मज़ा आएगा।” वो बोली, “प्लीज धीरे-धीरे डालना, मुझे बहुत तकलीफ होगी।” मैंने अपनी थूक उसकी चूत पर लगाई, अपना लंड रखा और एक झटका मारा। वो जोर से चिल्लाई। मैं रुक गया। वो बोली, “तू मुझे चोद।” फिर मैं उसे चोदने लगा।
करीब 20 मिनट तक मैंने उसे चोदा। जब मेरा निकलने वाला था, मैंने पूछा, “कहाँ निकालूँ?” उसने कहा, “बाहर निकाल दे।” मैंने लंड बाहर निकाला और पानी छोड़ दिया। तब तक उसने 4 बार पानी छोड़ा था और वो पूरी तरह शांत हो गई थी। वो वहीं पड़ी रही और बोली, “अब तुम जाओ, मैं पीछे से आती हूँ।” मैं वहाँ से चला गया। करीब 5 मिनट बाद वो अपने घर की ओर जाते हुए दिखी।
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