हाय दोस्तों, मेरा नाम मनी है और मैं पंजाब से हूँ। ये हॉट सेक्स स्टोरी मेरे भैया और भाभी की है, जो मेरे मामा के बेटे और उनकी पत्नी हैं। मुझे भाभी की चुदाई की सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत पसंद है, और मैं इस साइट पर लंबे समय से ऐसी कहानियाँ पढ़ता हूँ। मेरा उम्र 20 साल है। आज जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ, वो दो साल पुरानी बात है। मैं अपनी गर्मियों की छुट्टियों में मामा के घर गया था। वहाँ मामा, मामी, भैया और भाभी रहते हैं।
भाभी के बारे में क्या कहूँ? मैं तो पहले से ही उनके साथ सेक्स करने की सोचता था। उनका फिगर कमाल का है – एकदम सेक्सी, पतली कमर, भरा हुआ बदन। उनकी हाइट 5.7 इंच है, बूब्स का साइज 36 है, और गांड शायद 34 इंच की होगी। मुझे उनकी गांड बहुत पसंद थी, और वो अपने शरीर का बहुत ध्यान रखती थीं।

अब मैं कहानी पर आता हूँ। एक दिन मैं भाभी के कमरे में टीवी देख रहा था। भाभी नहा रही थीं, और मामी ऊपर के कमरे में थीं। टीवी देखते-देखते मेरी नजर भाभी की सैंडल पर पड़ी। मैं फर्श पर लेट गया और उनकी सैंडल और हाई हील्स को चाटने लगा। मैं उनका запах सूँघ रहा था। सच में, मुझे बहुत मजा आ रहा था। 10-15 मिनट तक मैं चाटता रहा, और मुझे पता ही नहीं चला कि भाभी कब नहाकर कमरे में आ गईं और मुझे ऐसा करते देख लिया। वो जोर से चिल्लाईं, “ये क्या कर रहा है?” मैं बहुत डर गया और दो मिनट तक कुछ नहीं बोला। भाभी फिर बोलीं, “कुछ बोलेगा या नहीं?”
मैं चुप रहा। फिर भाभी बोलीं, “रुक, मैं मम्मी को बताती हूँ।” ये सुनकर मैं रोने लगा और उनके पैर पकड़कर माफी माँगने लगा। लेकिन वो मेरी बात नहीं सुन रही थीं। मैंने उनके पैर पकड़े रखे। थोड़ी देर बाद वो बोलीं, “ठीक है, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी, लेकिन जो मैं कहूँगी, वो तुझे करना पड़ेगा।” मैंने तुरंत हाँ कह दिया। भाभी बोलीं, “तू मेरी सैंडल अच्छे से चाट और सारी गंदगी साफ कर।”
मैं उनके मुँह की तरफ देखने लगा। उन्होंने इशारा किया, “जो कहा, वो कर, वरना?” मैंने कहा, “ठीक है,” और मन ही मन खुश हो रहा था, क्योंकि मैं अपनी भाभी का नौकर बन रहा था और वो मेरी मालकिन। मैंने सैंडल चाटकर साफ की। फिर भाभी बोलीं, “अंडरवियर में फर्श पर लेट जा।” मैं लेट गया। भाभी ने अपनी सैंडल पहनी और मेरे ऊपर खड़ी हो गईं। उन्होंने अपने पैर से मेरा लंड रगड़ना शुरू किया। उस वक्त मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी। मैं बस “ओह्ह… उम्म्म…” करता रहा। फिर भाभी ने कहा, “उठ और मेरे पैर चाट।” मैंने अच्छे से उनके पैर चाटे। अब मेरी हिम्मत धीरे-धीरे बढ़ रही थी। मैंने भाभी से कहा, “क्या मैं आपकी चूत चाट सकता हूँ?” वो बोलीं, “कुत्ते साले, तू अपनी भाभी के सामने ऐसा बोलता है?” मैंने उनसे माफी माँगी।
फिर वो बोलीं, “आ, मैं तुझे चाटने देती हूँ। तू नीचे लेट।” मैं लेट गया। भाभी ने अपनी सलवार और पैंटी नीचे सरकाई। वाह, क्या नजारा था! उनकी बड़ी-बड़ी जाँघें, जिन पर एक भी बाल नहीं था। मैं जैसे स्वर्ग देख रहा था। उनकी चूत पानी से गीली हो गई थी और उस पर थोड़े बाल थे। भाभी मेरे सामने नंगी खड़ी थीं। मैंने कहा, “भाभी, प्लीज अपनी चूत चाटने दो।” वो बोलीं, “कुत्ते, भीख माँग। मैं इतनी आसानी से अपनी चूत नहीं चटवाऊँगी।” मैं और भीख माँगने लगा और उनके पैर चाटने लगा। तब भाभी बोलीं, “ठीक है,” और वो मेरे मुँह पर आकर बैठ गईं। चूत की जगह उन्होंने अपनी गांड मेरे मुँह पर रख दी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने चाटना शुरू किया। भाभी “हम्म्म… उम्म्म… उफ्फ्फ… ओह्ह…” करने लगीं और बोलीं, “हाँ कुत्ते, अच्छे से चाट… और जोर से चाट।” मैंने अपनी जीभ उनकी गांड के छेद में डाली और जोर-जोर से चाटने लगा। अब वो स्वर्ग में थीं।
वो मुझे खूब गालियाँ दे रही थीं और अपनी चूत में उंगली अंदर-बाहर कर रही थीं। 15 मिनट चाटने के बाद उन्होंने पानी छोड़ दिया और सारा पानी मेरे ऊपर डाल दिया। मैंने उनका सारा पानी पी लिया। फिर वो बोलीं, “चल कुत्ते, आज इतना काफी है। रात 11 बजे मेरे रूम में आ।” मैंने कहा, “रात को तो वहाँ भैया भी होंगे।” वो बोलीं, “तू टेंशन मत ले, जो मैंने कहा, वो कर।” मैंने उनकी चूत चाटकर साफ की और बाहर आ गया। फिर मैं रात होने का इंतजार करने लगा। रात 11 बजे मैं उनके रूम पर गया और दरवाजा खटखटाया। अंदर से भाभी की आवाज आई, “अंदर आ, दरवाजा खुला है।” मैं अंदर गया तो देखा कि भाभी बेड पर लेटी थीं और भैया उनकी चूत को कुत्ते की तरह चाट रहे थे।
मैं कमरे से बाहर निकलने लगा, लेकिन भाभी बोलीं, “अरे कुत्ते, कहाँ जा रहा है? इधर आ।” ये सुनकर मैं दंग रह गया। भैया मुझे देखकर हँस रहे थे। मैं उनके पास गया और भैया-भाभी को देखने लगा। भाभी बोलीं, “कुत्ते, वहाँ खड़ा रहेगा या कुछ काम भी करेगा?” मैंने कहा, “हाँ, जो आप कहेंगी, वो करूँगा।” वो बोलीं, “जल्दी से सारे कपड़े उतार।” मैं भैया की वजह से थोड़ा शरमा रहा था। तब भैया बोले, “कोई बात नहीं, उतार दे। जैसा तेरी भाभी कहे, वैसा कर और देख, तुझे कितना मजा आएगा।” ये सुनकर मैं हैरान हो गया। मैंने कपड़े उतारे और एक तरफ खड़ा हो गया। भाभी ने मेरा खड़ा लंड देखा और भैया से बोलीं, “देख, इसका लंड तेरे से बड़ा है।”
भैया बोले, “तो फिर इंतजार किस बात का? ले इसका लंड और दिखा इसे अपने जलवे।” मैं ये सुनकर चकित हो गया। दोनों हँसने लगे। फिर भाभी बोलीं, “ठीक है, लेकिन इतनी जल्दी नहीं।” उन्होंने मुझे भैया की गांड चाटने को कहा। मैंने साफ मना कर दिया। तब भाभी ने मेरी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा और गालियाँ देने लगीं। मैं बहुत लाचार हो गया। मैंने कहा, “ठीक है,” और भैया की गांड चाटने लगा। भैया भी गांड उठाकर चटवा रहे थे। थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा। फिर भाभी बोलीं कि वो मेरा लंड टेस्ट करना चाहती हैं। हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं भाभी की चूत चाट रहा था और भाभी मेरा लंड चूस रही थीं।
जैसे ही भाभी ने लंड मुँह में लिया, वो अनुभव बहुत शानदार था। वो मेरे लंड को हल्के से काट भी रही थीं। मैं चिल्ला रहा था। 5 मिनट बाद मैं झड़ गया। उन्होंने मेरा सारा वीर्य पी लिया और फिर मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं। थोड़ी देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। वो बोलीं, “चल, इसे मेरी चूत में डाल।” मैंने कहा, “ठीक है,” और एक धक्का मारा। पूरा लंड उनकी चूत में चला गया। भाभी जोर से चिल्लाईं, “कुत्ते, थोड़ा धीरे कर। मुझे मार डालेगा क्या? तू रुक, मैं तुझे दिखाती हूँ।” फिर उन्होंने भैया से कहा कि अपना लंड मेरे मुँह में डालें।
मैंने मुँह नहीं खोला, लेकिन भैया और भाभी ने जबरदस्ती भैया का लंड मेरे मुँह में डाल दिया। भाभी मेरे लंड पर उछल रही थीं। भैया ने मेरा सिर पकड़कर अपना लंड पूरा मेरे मुँह में घुसा दिया, जिससे मेरी साँस रुक गई। लेकिन थोड़ी देर बाद ठीक हो गया। मैं उनका लंड चूस रहा था और इधर भाभी अपने जलवे दिखा रही थीं। जब लंड पूरा अंदर जाता, भाभी उसे दबाकर रखतीं। वो आवाज निकाल रही थीं और मुझे गालियाँ दे रही थीं। वो बोलीं, “और जोर से ठोक, कुत्ते साले… फाड़ दे मेरी चूत… हरामी, मादरचोद, मार मेरी चूत… और जोर से ठोक… छ्छ्छ… उम्म्म… ओह्ह्ह… फक… फक… हाँ… हाँ… हाँ…” मैंने उन्हें फुल स्पीड में ठोकना शुरू कर दिया। इधर भैया ने 5 मिनट बाद सारा वीर्य मेरे मुँह में छोड़ दिया। मुझे बहुत गंदा लगा।
मैं थूकने गया, लेकिन भाभी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और सारा वीर्य मुझे पिला दिया। हम 5 मिनट तक किस करते रहे। अब मेरा वीर्य निकलने वाला था। भाभी दो बार झड़ चुकी थीं। मैंने पूछा, “वीर्य कहाँ छोड़ूँ?” वो बोलीं, “मेरी चूत में ही डाल दे।” मैंने सारा वीर्य उनकी चूत में छोड़ दिया। भैया हमें देखकर अपना लंड रगड़ रहे थे।
फिर भाभी उठीं और बोलीं, “चल, अब मेरी चूत चाटकर साफ कर।” चाटते वक्त मैं पहली बार अपना वीर्य टेस्ट कर रहा था। क्या चूत थी भाभी की, एकदम मस्त। मैं चाट रहा था कि भैया ने पीछे से अपना लंड मेरी गांड पर लगाया। जैसे ही वो मेरे छेद में गया, मैं चिल्लाया। भाभी ने मेरा मुँह दबा दिया। मेरी आँखों से आँसू निकल आए। लेकिन वो नहीं रुके और मेरी गांड मारने लगे। थोड़ी देर बाद भाभी मेरे नीचे आईं और मेरा लंड चूसने लगीं। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत में डाला। अब मुझमें ताकत नहीं बची थी। जो कुछ हो रहा था, भाभी कर रही थीं। वो अपनी गांड हिलाकर मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थीं।
इधर भैया ने 15 मिनट तक मेरी गांड मारी और सारा वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया। भाभी अभी भी लंड अंदर-बाहर कर रही थीं। थोड़ी देर बाद मैं फिर झड़ गया, लेकिन भाभी ने मेरा लंड चूत से बाहर नहीं निकाला। मेरा सारा वीर्य निकल गया और लंड छोटा होकर बाहर निकल आया।
तभी भैया भाभी की चूत चाटने लगे। थोड़ी देर बाद भाभी खड़ी हुईं और मेरे मुँह पर पेशाब करने लगीं। मैंने उनका सारा अमृत पी लिया। दोस्तों, वो बहुत खट्टा था, लेकिन मेरी चुदाई बहुत हॉट और स्वीट थी। इसके बाद चार दिन तक मैंने भैया और भाभी के साथ मिलकर सेक्स किया। दिन में जब भी मौका मिलता, मैं भाभी के कमरे में जाता और उनकी चूत चाटता और चुदाई करता।
जितने दिन मैं वहाँ रहा, हमारी चुदाई चलती रही। भैया और भाभी ने मुझे चुदाई करना और गांड मारना सिखाया। वो मेरे काम से खुश थे, और मैं उनके काम से खुश था।
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