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नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम विकी है और मैं आप सभी को अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बता रहा हूँ। जिसमें मैंने अपनी भाभी को चोदकर उनकी मन की इच्छा पूरी की। मैं पहले से ही सेक्स का भूखा हूँ और मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है। दोस्तों, ये बात उस समय की है जब मैं कॉलेज के दूसरे साल में था और उस समय दीवाली की छुट्टियों के लिए घर आया था। दोस्तों, मेरा एक चचेरा भाई है जो मेरे पड़ोस में रहता है और उसकी शादी एक साल पहले ही हुई है। मेरी भाभी का नाम आशा है। मेरी भाभी दिखने में एकदम हॉट, सेक्सी है और उनका फिगर सुपर जबरदस्त है।

दोस्तों, उनके बॉल और उनकी गांड सभी को दीवाना बनाने वाली थी और मैं उन पर मरता था।

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दोस्तों, मैं अपने भाई की शादी में शामिल नहीं हो सका था क्योंकि मैं उस समय पढ़ाई में व्यस्त था और इसलिए मैं तब तक अपनी नई भाभी से नहीं मिल सका था। जब मैं अपने कॉलेज के पेपर खत्म करके घर आया, तो भाभी को देखकर दंग रह गया क्योंकि वो मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा हॉट और सेक्सी थीं और उनके फिगर का साइज 34-26-32 था। मेरे और उनके परिवार के अच्छे रिश्ते थे, इसलिए हमारे घरों में एक-दूसरे के यहाँ आना-जाना लगा रहता था। हमारे घर भी एक-दूसरे से सटे हुए थे, इसलिए मैं भी कोई न कोई बहाना ढूंढकर भाभी से मिलने उनके घर जाता था और वो भी हमारे घर मेरी माँ से मिलने आती थीं। मैं हमेशा उनकी गांड को तिरछी नजरों से देखता था और उन्हें याद करके कई बार मुठ मारता था।

फिर ऐसे ही दिन बीतते गए और हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई। जब भी मैं छुट्टियों में घर आता, हम एक साथ बैठकर खूब देर तक बातें करते थे और हमारे घर में किसी को इस बात की कोई शिकायत नहीं थी, क्योंकि सभी लोग मुझे अच्छा लड़का मानते थे। जब मैं दीवाली की छुट्टियों में घर आया, तो मैंने मन में ठान लिया कि इस बार मैं अपनी भाभी को चोदकर ही वापस जाऊंगा।

वो त्योहार के दिन थे और उस समय सभी लोग घर के कामों में व्यस्त थे। मैंने उस मौके का फायदा उठाकर दो-तीन बार भाभी की गांड को छुआ था, लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा और मेरी इस हरकत को नजरअंदाज कर दिया। दीवाली खत्म होने के बाद घर के सभी लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त हो गए। एक दिन मेरे घरवाले किसी काम से रिश्तेदारों के यहाँ चले गए थे और मैंने कोई बहाना बनाकर घर पर ही रुक गया था, क्योंकि मेरे दिमाग में कुछ और ही प्लान था। मेरे मन में भाभी को चोदने का प्लान था। मेरी माँ ने भाभी से कहकर मेरे खाने का इंतजाम एक-दो दिन के लिए कर दिया था। फिर भाभी रात 8 बजे मेरे लिए खाना लेकर आईं। मैंने देखा कि मेरी प्यारी भाभी आज चेहरे से उदास और निराश दिख रही थीं। मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और तुम ये सब नहीं समझोगे। फिर मैंने उनसे कहा कि अपने मन की बात मुझे बताओ ताकि तुम्हारा मन हल्का हो जाए। फिर उन्होंने मुझे अपनी उदासी का कारण बताया और मैं उसे सुनकर हैरान रह गया। उन्होंने मुझे बताया कि तुम्हारे भाई में कुछ कमी है और इस वजह से मैं कभी माँ नहीं बन सकती। हमने बहुत कोशिश की और कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन तुम्हारे भाई को इन दवाओं से कोई फर्क नहीं पड़ा। यह कहते-कहते वो जोर-जोर से रोने लगीं।

मुझे अब कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। फिर मैं उठकर उनके पास जाकर बैठ गया और मैंने उनके कंधे पर हाथ रखा। वो मेरे कंधे पर सिर रखकर जोर-जोर से रोने लगीं। अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और मैं क्या करूँ, ये नहीं सूझ रहा था। कुछ देर रोने के बाद वो शांत हो गईं और फिर अपने घर चली गईं। उस रात मैं उनके बारे में सोचता रहा और मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे कब नींद आ गई।

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अगले दिन जब मैंने भाभी को देखा तो वो अच्छी दिख रही थीं। वो दोपहर में मेरा खाना लेकर आईं तो ठीक लग रही थीं और मुझे उन्हें देखकर समझ नहीं आ रहा था कि अब उन्हें क्या हुआ है? फिर हम बैठकर बातें करने लगे और कुछ देर बात करने के बाद मैंने उनसे पूछ लिया कि कल तुम बहुत उदास थीं और आज तुम्हारा मूड एकदम बदल गया है। तो वो एकदम चुप हो गईं और फिर बोलीं कि बात ऐसी है कि मैं अब माँ बन सकती हूँ। फिर मैंने कहा कि वाह, ये तो बहुत खुशी की बात है क्योंकि मैं भी जल्दी चाचा बनूंगा।

भाभी: हाँ, तुम ठीक कह रहे हो, लेकिन इसमें मुझे तुम्हारी मदद चाहिए, अगर तुम मदद करने को तैयार हो तो?

मैं: ठीक है, लेकिन इसमें मैं क्या मदद कर सकता हूँ?

फिर वो जल्दी से उठकर मेरे पास आईं और मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर बोलीं, “विकी, तुम्हें तो पता ही है कि तुम्हारा भाई मुझे कभी गर्भवती नहीं कर सकता, लेकिन इसमें तुम मेरी मदद कर सकते हो। प्लीज मुझे मना मत करना, क्योंकि मैंने बहुत सोचकर ये फैसला लिया है। प्लीज मेरी बात सुनो।” दोस्तों, मैं तो शुरू से यही चाहता था, लेकिन ये ऐसे होगा, इसकी मुझे कोई उम्मीद नहीं थी।

फिर मैंने तुरंत हाँ कर दी और कहा, “भाभी, सच कहूँ तो मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।” तो वो बोलीं, “मुझे भी सब पता है कि तुम मुझे चोरी-छिपे देखते हो और जब मैं आंगन में झाड़ू लगाती हूँ तो तुम मेरे बॉल्स की तरफ देखते हो। लेकिन प्लीज, तुम मुझे अब मना मत करना, वरना बाकी औरतें मुझे बांझ कहेंगी और मेरा बहुत मजाक उड़ाएंगी। मैं ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकती।” फिर मैं उनके इस काम के लिए पूरी तरह तैयार हो गया। मेरे मुँह से हाँ सुनकर वो बहुत खुश हो गईं और उन्होंने कहा कि आज ही हम अपना काम पूरा कर लेते हैं। मैं आज रात को थोड़ा देर से खाना लेकर आऊंगी, तुम मेरा इंतजार करना। वैसे भी आज तुम्हारे भाई की नाइट ड्यूटी है।

फिर मैंने कहा, “ठीक है,” और मैं उनका इंतजार करने लगा। मन ही मन मैं चुदाई के सपने देखने लगा। फिर करीब 10 बजे वो मेरे लिए खाना लेकर आईं। वाह दोस्तों, मेरी सेक्सी और सुपरहॉट भाभी क्या जबरदस्त माल लग रही थीं? उन्होंने उस समय सेक्सी लाल रंग की मैक्सी पहनी थी। वो मेरे पास आकर बैठ गईं और बोलीं, “पहले क्या खाएगा?” और उन्होंने मुझे एक सेक्सी स्माइल दी। मैं उनके इस बोलने का मतलब समझ गया और उन पर टूट पड़ा। मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रखकर उन्हें किस करने लगा और उनके बॉल्स को एक-एक करके जोर से दबाने और मसलने लगा। पूरी खोली में उम्म्म्म ओह्ह्ह के आवाज गूंजने लगे।

फिर मैंने उन्हें उठाया और बेड पर लाकर लिटा दिया। मैं उनके ऊपर चढ़ गया। फिर हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह किस करने और चाटने लगे। फिर मैंने एक हाथ से उनकी मैक्सी को कमर तक ऊपर कर दिया और उनकी गांड दबाने लगा। मैंने उनकी मुलायम गांड पर हाथ फेरकर उसका मजा लिया। फिर मैंने उनकी पीठ पर हाथ फेरना शुरू किया, उनकी पीठ तो बिल्कुल रुई की तरह मुलायम थी।

फिर मैंने उन्हें मैक्सी उतारने का इशारा किया और उन्होंने झट से उसे उतार फेंका। अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं। फिर मैंने भी अपनी टी-शर्ट और लोअर उतार फेंका। मैं उनके सामने सिर्फ अंडरवियर में था और मेरा लंड बिल्कुल बांस की तरह तन गया था। फिर मैंने जल्दी से उनकी ब्रा ऊपर की और उनका एक बॉल मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे बॉल को जोर से दबाने लगा। फिर मैंने देखा कि मैंने कुछ कहने से पहले ही उन्होंने अपनी पैंटी उतार फेंकी। जैसे ही मैंने अपना हाथ उनकी गर्म और कामुक चूत पर रखा, वो एकदम सिहर उठीं। फिर मैं उनकी प्यासी चूत को सहलाने लगा और वो गर्म होकर मादक आवाज निकालने लगीं। मैंने हाथ लगाकर देखा तो उनकी चूत बिल्कुल चिकनी, भरी हुई और गोरी थी। शायद उन्होंने आज ही अपनी चूत साफ की थी।

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फिर मैंने उन्हें पहले हर जगह किस किया—गालों पर, होंठों पर, बॉल्स पर, नाभि पर। फिर मैं आगे बढ़ा और उनकी चूत पर किस किया, जिससे वो तड़पने लगीं। फिर मैं उनकी चूत में कभी उंगली तो कभी जीभ डालने लगा, जिससे वो पूरी तरह मूड में आ गईं।

फिर मैंने उन्हें मेरे लंड को किस करने के लिए कहा, लेकिन वो नखरे करने लगीं क्योंकि उन्होंने पहले ऐसा कुछ नहीं किया था। वो बोलीं कि ये गंदा है, मैं ऐसा नहीं करूँगी। लेकिन मैंने उन्हें प्यार से समझाया और वो तैयार हो गईं। फिर उन्होंने मेरा लंड चूसा, वो आनंद मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकता और उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता।

वो थोड़ी देर बाद अपना मुँह हटाने की कोशिश करती थीं, लेकिन मैं उनके सिर को पकड़कर उन्हें चूसने के लिए मजबूर करता था। फिर मैंने उन्हें बेड पर लिटाकर मेरा लंड उनकी चूत के छेद पर रखा। मैंने थोड़ा धक्का देकर उसे अंदर किया तो उनकी चीख निकल गई, “आह्ह्ह्ह आईईईई विकी, प्लीज इसे अब बाहर निकालो, उफ्फ्फ मुझे बहुत दर्द हो रहा है।” लेकिन मैंने उनकी बात नहीं सुनी और धीरे-धीरे अपना लंड उनकी चूत में डालने लगा। उनके मुँह को बंद करने के लिए मैं उन्हें किस करने लगा।

अब वो दर्द से रोने और तड़पने लगीं, लेकिन मैं अपना चोदने का काम करता रहा। मैंने धीरे-धीरे करके अपना पूरा 6 इंच का लंड उनकी चूत में डाल दिया। मैं उन्हें ठोके मार रहा था, जिससे उनकी चूत से खून निकलने लगा। लेकिन कुछ देर बाद वो मेरा साथ देने लगीं और कहने लगीं, “आह्ह विकी, धक्के दे, मुझे चोद, मुझे चोद।” फिर मैंने भी पूरी ताकत से उन्हें ठोकना शुरू कर दिया। उन्होंने भी अपनी गांड उठाकर लंड अंदर लेना शुरू कर दिया। मैंने आधे घंटे तक उन्हें ठोका।

फिर जब मेरा काम खत्म होने वाला था, तो मैंने कहा, “भाभी, मेरा काम खत्म होने वाला है।” तो वो बोलीं, “जानू, अपना माल मेरे अंदर छोड़ दे।” मैंने अपना माल छोड़ दिया और 2 मिनट बाद उन्होंने भी अपना माल छोड़ दिया। इस ठोकाठोकी से हम दोनों बहुत थक गए थे, इसलिए हम वहीँ लेटकर एक-दूसरे के गर्म और सुंदर सुगंधित शरीर से खेलने लगे। फिर वो दोबारा मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने और उसके साथ खेलने लगीं।

फिर मेरा लंड दोबारा खड़ा होने लगा तो वो मैक्सी पहनकर किचन में चली गईं। मेरा लंड पूरी तरह तैयार हो गया था। मैं भी उनके पीछे गया। मैंने देखा कि वो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी थीं। मैं अचानक जाकर उनके पीछे चिपक गया और उनके बॉल्स दबाने लगा। वो भी हाथ पीछे करके मेरा लंड पकड़कर हिलाने लगीं। मैं पूरी तरह तैयार हो गया। फिर उन्होंने मैक्सी को कमर तक ऊपर कर लिया और मैं अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा। वो फिर से गर्म होने लगीं।

फिर मैंने धीरे से अपना लंड उनकी चूत में डाला और वो चिल्लाने लगीं। मैं रुक गया और उन्हें किस करने लगा। वो भी मुझे किस कर रही थीं। मैंने धीरे-धीरे अपना लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। उन्हें थोड़ा दर्द हो रहा था, लेकिन मैं किस कर रहा था, इसलिए उनकी आवाज दब गई थी। फिर 5 मिनट तक किस करने के बाद उनका दर्द कम हो गया और वो मेरा साथ देने लगीं। मैंने एक हाथ से उनके बॉल्स दबाने शुरू किए और उन्हें धक्के मारने लगा। वो जोर-जोर से अपनी गांड हिलाने लगीं और “ओह्ह येस्स्स उम्म्म्म” करने लगीं। फिर मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में आने के लिए कहा। फिर मैंने उनकी गांड पकड़कर जोर-जोर से ठोकना शुरू किया। वो कह रही थीं, “अंदर डाल, मुझे चोद, मुझे स्वर्ग में ले जा, उम्म्म्म मुझे चोद, जोर से चोद।” फिर वो पानी छोड़ने वाली थीं और मैं उन्हें जोर-जोर से ठोक रहा था। वो बोलीं, “मेरा निकलने वाला है उम्म्म,” और उन्होंने पानी छोड़ दिया।

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फिर मैंने अपनी स्पीड थोड़ी कम की और मेरा लंड बेचैन हो गया था। मैंने उनके पैर अपने कंधों पर रखे और उन्हें ठोकने लगा। वो जोर-जोर से आवाज निकालने लगीं। 10 ठोके मारने के बाद मुझे लगा कि मेरा वीर्य निकलने वाला है। मैंने उनसे पूछा, “कहाँ डालूँ?” तो वो बोलीं, “मेरी चूत में डाल, मुझे तुम्हारे बच्चे की माँ बनना है।” फिर मैंने सारा वीर्य उनकी चूत में छोड़ दिया। वो फिर से मेरा लंड चूसने लगीं और वो फिर से तन गया।

फिर मैंने उनसे कहा कि थोड़ी क्रीम ले आओ। वो क्रीम लेकर आईं। फिर मैंने कहा कि थोड़ी क्रीम मेरे लंड पर लगाओ और उन्होंने लगा दी। फिर मैंने उन्हें बेड पर उल्टा लेटने के लिए कहा और वो लेट गईं। फिर मैंने उनकी गांड के छेद पर थोड़ी क्रीम लगाई और मेरा लंड उनकी गांड के छेद पर रखा। वो मना करने लगीं। फिर मैं उनके बॉल्स के साथ खेलने लगा और उनके निप्पल्स को जोर से दबाने लगा। मैंने उनकी चूत में उंगली डालना शुरू किया। वो फिर से गर्म होने लगीं। मैंने मौका देखकर एक धक्का मारा और मेरा लंड उनकी गांड में डाल दिया। उन्हें दर्द होने लगा, इसलिए मैं रुक गया और उनकी चूत में उंगली डालने लगा। मैंने धीरे-धीरे उनकी गांड में अपना लंड डालना शुरू किया। अभी मेरा आधा लंड ही अंदर गया था। मैंने थोड़ी और क्रीम ली और उनकी गांड के छेद पर लगाई। फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंड उनकी गांड में पूरी तरह चला गया।

वो जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। फिर कुछ देर बाद मैंने धक्के मारना शुरू किया। उनका दर्द कम हुआ तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब उन्हें मजा आने लगा था और वो कह रही थीं, “इस गांड को फाड़ दे आज, मुझे चोद, राजा जोर से चोद, मुझे बहुत मजा आ रहा है।” मैंने 10-12 ठोकों के बाद उनकी गांड में वीर्य छोड़ दिया और कुछ देर उनके ऊपर लेटा रहा। फिर उन्होंने अपने कपड़े पहने और मैं भी पूरी तरह नंगा था। उन्होंने मुझे एक लंबा लिप किस किया और धन्यवाद देकर अपने घर चली गईं। मैंने भी दरवाजा बंद किया और सो गया।

दोस्तों, इसके बाद हमने कुछ दिन तक चुदाई करके खूब मजा लिया। जब भी हमें मौका मिलता, हम ठोकाठोकी करते थे। फिर कुछ दिनों बाद मेरी छुट्टियाँ खत्म हो गईं और मैं वापस अपने कॉलेज चला गया। जितने दिन मैं वहाँ रहा, उतने दिन मैंने उन्हें खूब ठोका।

फिर कुछ महीनों बाद उनका फोन आया और उन्होंने बताया कि वो अब गर्भवती हो गई हैं। उन्होंने मुझे इसके लिए धन्यवाद दिया और मुझे बाप बनने की बधाई दी। भाई को लग रहा था कि ये सब डॉक्टर की दवाओं की वजह से हुआ है। फिर कुछ महीनों बाद भाभी ने एक सुंदर बेटी को जन्म दिया।

दोस्तों, आज भी जब हमें मौका मिलता है, हम ठोकाठोकी करके मजा लेते हैं। मैं उन्हें चोदकर बहुत खुश करता हूँ और अब वो कभी उदास या निराश नहीं दिखतीं।

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