य दोस्तों, मेरा नाम प्रेम है, और मेरी उम्र 23 साल है। ये मेरी एक सच्ची सेक्सी कहानी (sexy kahani) है, जिसे मैं पिछले कुछ दिनों से आपके सामने लाने की सोच रहा था। मुझे डर लग रहा था, लेकिन आज हिम्मत करके मैं अपनी इस हॉट अनुभव (hot anubhav) और कामुक पलों (kamuk pal) की कहानी आपके सामने रख रहा हूँ। ये कहानी मेरी विधवा माँ को चोदने की है, जिसकी उम्र 40 साल होगी। लेकिन वो चेहरे से इतनी बड़ी नहीं लगती। वो जवान, हॉट, और सेक्सी दिखती है। उसे एक बार देखकर हर कोई उसके बारे में सोचने लगता है।
मेरे पिता की मृत्यु तब हुई थी, जब मैं बहुत छोटा था। उस वक्त से मेरी माँ अकेली रहने लगी थी। उसे एक सहारे की ज़रूरत थी। दोस्तों, मेरी माँ का एक पुराना प्रेमी था, जो उसके मायके—यानी मेरी नानी के घर—के पास रहता था। उसके दो बेटे थे, जो मेरी उम्र के थे। पिताजी की मृत्यु के कुछ साल बाद माँ की सहेली ने उसे सुझाव दिया कि एक सिलाई कोर्स है, जिसे करके वो घर बैठे कुछ पैसे कमा सकती है और उसका मन भी काम में लगेगा। तब हम नानी के घर रहने लगे।
मैंने कई दिनों तक गौर किया कि माँ बार-बार छत पर जाती थी। उसके पास एक फोन भी था। जब मैंने ये बात मामा को बताई, तो उन्होंने माँ से पूछा। माँ बोली कि उसने वो फोन बस में सफर करने वाले एक अनजान शख्स से 500 रुपये में खरीदा था। ये सुनकर मामा ने उसे बहुत डाँटा कि ये सब ठीक नहीं है। जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मैंने देखा कि माँ का चेहरा कुछ बदल गया था। वो कुछ दवाइयाँ लेती थी, शायद परेशानी की दवाइयाँ। जब मैं 12 साल का हुआ, तो एक दिन उसने कहा कि वो अपनी सहेली के पास जा रही है। मुझे अब उसकी हर बात पर शक होने लगा था। मैं उस पर नज़र रखने लगा कि वो कब कहाँ जाती है।
मैंने उसका पीछा किया। पता चला कि वो एक काले, मोटे आदमी के साथ उसकी गाड़ी पर बैठकर कहीं जा रही थी। मैं उसके पीछे गया। देखा कि वो दोनों एक लवर्स पार्क के पास रुके। दोनों हाथ में हाथ डालकर मज़े से घूमने लगे। ये देखकर मुझे बहुत दुख हुआ। थोड़ी देर बाद मैं वहाँ से घर लौट आया। कुछ घंटों बाद माँ घर आई। मैंने उससे कुछ नहीं कहा। रात हुई, वो छत पर गई। मैं भी उसके पीछे ऊपर गया।
मैंने उसकी बातें सुनीं। समझ आया कि वो अकेले उस मोटे आदमी से बात कर रही थी। मैंने उसे पीछे से पुकारा, “यहाँ अकेले आकर तू किससे बात कर रही है?” मुझे अचानक वहाँ देखकर वो चौंक गई। उसका चेहरा पसीने से गीला हो गया। वो घबराते हुए बोली, “मेरी सहेली है।” मैंने कहा, “दे, मैं भी तेरी सहेली से थोड़ी बात करूँ।” ये सुनकर वो बहुत डर गई। उसका चेहरा फीका पड़ गया। उसने कॉल काट दिया। मैंने नंबर देखने की कोशिश की, तो उसने वो नंबर भी डिलीट कर दिया। मैंने कहा, “मैंने तुम्हें उस दिन लवर्स पार्क में हाथ में हाथ डाले घूमते देखा था।” ये सुनकर वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी।
मैंने उसे बहुत सुनाया और उससे बात करना बंद कर दिया। उसने अपना फोन छत से नीचे फेंक दिया। वो उसे इस्तेमाल नहीं कर रही थी। कुछ महीने ऐसे ही चले। वो मुझसे बहुत प्यार करती थी, इसलिए उसे अब उस बात का बहुत दुख हो रहा था। एक दिन मैंने ऑनलाइन एक फेक आईडी बनाई और कुछ लड़कियों से इस बारे में पूछा। उन्होंने कहा, “तू उसे मत रोक। अगर वो अपनी पहली शादी को भूलकर अपने दूसरे जीवन में खुश रहना चाहती है, तो उसे रहने दे। वरना अकेली वो कैसे जिएगी?” कुछ दिनों बाद मैंने माँ को समझाया और कहा, “फोन पर बात करती रह, मुझे कोई शिकायत नहीं है। उससे बात करना चाहती है, तो कर सकती है।”
दोस्तों, मेरी ये बात सुनकर वो बहुत खुश हुई। उसने फिर से बात शुरू कर दी। एक दिन घरवाले सब बाहर गए थे। मैंने माँ को चौंकाने के लिए उस आदमी को हमारे घर बुलाया। माँ ये देखकर हैरान हो गई। मैं उसकी खुशी देखकर खुश हुआ। मैंने उन्हें कुछ न कहकर अकेला छोड़ दिया। वो कुछ देर बैठे, बातें करते रहे। मैं वहाँ से चला गया।
माँ ने मुझे बुलाया और पूछा, “कहाँ जा रहा है?” मैंने कहा, “तुम दोनों अकेले बैठो और थोड़ी बात करो।” उसने मुझे गले लगाया और अपने कमरे में चली गई। लेकिन मैंने देखा कि उस कमरे की एक खिड़की खुली थी। मैंने वहाँ से झाँकना शुरू किया। देखा कि वो दोनों खुश थे। थोड़ी देर बाद माँ उस मोटे की गोद में बैठ गई। वो माँ के बॉल्स दबाने लगा और किस करने लगा। उसने ब्लाउज़ से माँ के बॉल्स बाहर निकाले और चूसने लगा। फिर वो बेड पर लेट गए। उस मोटे ने अपने कपड़े उतारे और माँ की साड़ी भी उतार दी। वो माँ की चूत चाटने लगा और बोला, “तेरा बेटा भी अब हमारी तरफ हो गया है। अब हम फ्री होकर रोज़ मज़े करेंगे।”
माँ ये सुनकर ज़ोर से हँसी। उसने उसका काला लंड हाथ में लिया और मुँह में डालकर धीरे-धीरे चूसने लगी। उसे लंड चूसने में मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर बाद उसने माँ की साड़ी पूरी उतार दी। माँ के दोनों पैर फैलाए और अपना लंड माँ की चूत के मुँह पर रखा। माँ ने उसे किस किया। उसने एक ही झटके में पूरा लंड माँ की चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारकर चोदने लगा। 10 मिनट की चुदाई के बाद उसने माँ की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। फिर खड़ा होकर अपना लंड माँ के मुँह में दिया। माँ उसे चूसने लगी। उसने जीभ से चाटकर लंड पूरी तरह साफ किया और सारा वीर्य पी लिया।
फिर वो माँ के बॉल्स दबाने लगा और ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा। थोड़ी देर बाद उसका लंड फिर खड़ा हो गया। उसने माँ के मुँह में लंड डाला। चोदते-चोदते उसने माँ के मुँह में ही वीर्य छोड़ दिया। दोनों शांत हो गए। दोस्तों, मुझे अब अच्छा भी लग रहा था और बुरा भी। थोड़ी देर बाद वो दोनों कमरे से बाहर आए। माँ बहुत खुश दिख रही थी। जब वो घर से जा रहा था, तो उसने माँ को किस किया, गले लगाया और मुझे गले लगाकर 1000 रुपये दिए। फिर चला गया। माँ ने हँसते हुए पूछा, “कैसे हैं तेरे नए पापा?” मैंने कहा, “हाँ, बहुत अच्छे हैं।” दोस्तों, मैं पैसे देखकर खुश हो गया। माँ ने भी मुझे गले लगाकर धन्यवाद दिया और बोली, “मेरा बेटा अब बहुत बड़ा हो गया।”
मैंने माँ से पूछा, “तुम दोनों इतनी देर क्या कर रहे थे?” उसने कहा, “कुछ नहीं।” जब मैंने ज़ोर दिया, तो बोली, “हम बस लेटे थे। हमने प्यार किया, और कुछ नहीं।” मैंने कहा, “मैंने खिड़की से सब देखा था।” वो ये सुनकर शरमा गई और बोली, “तू पैसे लेकर खूब मस्ती कर।”
कुछ दिनों बाद उस मोटे ने कहा कि वो माँ से मिलना चाहता है। मैंने प्लान बनाया कि कॉलेज में प्रोग्राम का बहाना बनाकर दोनों को कहीं बाहर ले जाऊँ। मैंने उसे प्लान बताया, वो खुश हो गया। अगले दिन वो कार लेकर हमारे घर आया। हम निकल पड़े। हम जहाँ जा रहे थे, वो उसका तबेला था, जो शहर से बाहर था। हम वहाँ पहुँचे। देखा कि वहाँ एक बिना दरवाज़े की खुली छत वाली खोली थी। माँ बोली, “तू बाहर रहकर नज़र रख।” मैंने ऐसा ही किया। अंदर झाँका तो दोनों पूरी तरह नंगे थे। वो माँ की गांड चाट रहा था।
ये देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। माँ ने मुझे देख लिया, लेकिन कुछ नहीं बोली। फिर माँ बोली, “वहाँ एक खाट है, उसे लाकर उस पर बैठ।” मैंने ऐसा किया और उनके सामने बैठकर उनकी चुदाई देखने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था। वो माँ को “रंडी” कहकर चोद रहा था। माँ मज़े ले रही थी। मैं ये देखकर दो बार झड़ गया।
थोड़ी देर बाद दोनों शांत हुए और कपड़े पहनकर बाहर आए। उस मोटे ने मुझे 2000 रुपये दिए। हम घर पहुँचे। मेरा और माँ का कमरा एक ही है। हम वहाँ सेक्स के बारे में बात कर रहे थे। मैंने माँ से पूछा, “बहुत मज़ा आता है ना?” वो बोली, “हाँ।” मैंने कहा, “मुझे बॉल्स चूसने हैं।” माँ ने जल्दी से ब्लाउज़ खोला और मुझे पास बुलाया। बोली, “आ, पी ले।” मैंने ज़ोर-ज़ोर से माँ के बॉल्स चूसने शुरू किए। उसे किस किया। माँ के कपड़े उतारे और उसकी चूत चाटने लगा। माँ ने मेरा लंड बाहर निकाला और चूसने लगी। उस रात मैंने उसे दो बार चोदा। अब वो रोज़ सुबह उठकर मेरा लंड चूसती है, मेरा वीर्य पीती है, फिर अपने काम पर जाती है। उस मोटे के साथ भी वो खुश है। मैं भी खुश हूँ, क्योंकि मुझे पैसे और सेक्स दोनों मिल रहे हैं।
दोस्तों, अब तो वो मोटा अपने दोस्तों को लाकर मेरी माँ को चुदवाता है। मैंने उसे कहा है कि एक आदमी के 1000 रुपये। अब मेरा खर्चा पूरा चल रहा है। माँ खुश है, मैं भी खुश हूँ। वो चुदाई में व्यस्त रहती है, और मैं अपनी ज़िंदगी में। दोस्तों, ये थी मेरी माँ की सच्ची कहानी, जिसमें उसने अपनी मर्ज़ी से अपनी चूत, गांड, और मुँह चुदवाया। मैंने भी मज़े किए। हम सब खुश हैं।
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