हेलो दोस्तों, यह कहानी मेरी चाची सुजाता और स्कूल के चपरासी रमेश के बीच की है, जो एक रोमांचक और कामुक अनुभव से भरी है। यह सेक्सी कहानी, गर्म अनुभव, और चाची की जवानी की प्यास को दर्शाती है। मेरी चाची का तलाक 8 साल पहले हो चुका था, और तब से वह अकेली रहती थी। वह 38 साल की थी, दिखने में एक सामान्य भारतीय नारी जैसी, गोरी और थोड़ी मोटी। उनकी हाइट 5 फुट 8 इंच और फिगर 42-48-47 था। मैं अपनी चाची के साथ शिमला में रहता था, क्योंकि हमारे गांव में स्कूल की कमी थी। उस वक्त मैं 12वीं में था, और मेरी चाची उसी स्कूल में लाइब्रेरियन थी। पुरुष उन्हें ज्यादा लाइन नहीं देते थे, क्योंकि ज्यादातर पुरुषों को सुंदर दिखने वाली औरतें पसंद आती हैं। लेकिन स्कूल का चपरासी रमेश मेरी चाची का बहुत सम्मान करता था और उनसे ज्यादा बातें करता था। वह 32 साल का, थोड़ा मोटा, 5 फुट 10 इंच लंबा, चौड़ी छाती और मजबूत हाथों वाला था। वह मन से साफ था और कभी गलत नहीं बोलता था। मुझे लग रहा था कि वह चाची से बहुत प्यार करता है और चाची भी उसे पसंद करती थीं।
एक दिन मैंने देखा कि रमेश चाची से कुछ कह रहा था, और फिर दोनों स्टोर रूम की ओर गए। उसने चाची से कहा कि वह उनसे प्यार करता है। चाची ने भी अपने मन की बात बताई। फिर दोनों ने किस किया और एक-दूसरे को गले लगाया। रमेश ने पूछा, “क्या तुम न्यू ईयर की रात मेरे साथ बिताओगी?” चाची ने हां कह दिया। अगले दिन मैंने चाची को बताया कि मैं न्यू ईयर की रात दोस्तों के साथ मजे करूंगा और अगले दिन दोपहर को लौटूंगा। फिर चाची ने रमेश को फोन करके रात 9 बजे मिलने का समय तय किया।
मैं रात 9 बजे घर से थोड़ा दूर जाकर रमेश का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद रमेश बाइक पर आया। उसने चाची को कॉल किया। चाची ने काली साड़ी और ब्लाउज पहना था, जिसमें उनकी नंगी कमर दिख रही थी। उन्हें देखकर रमेश बहुत खुश हुआ। चाची उस दिन बहुत खूबसूरत लग रही थीं। ठंड ज्यादा होने के कारण चाची ने चादर लपेटी थी। दोनों ने कुछ बातें की और फिर एक सुनसान जगह की ओर चल पड़े। रमेश ने जंगल की ओर बाइक रोकी और एक घर के पास रुका। फिर दोनों हाथ पकड़कर जंगल में चलने लगे।
मैंने भी अपनी बाइक वहां रोकी और उनके पीछे-पीछे गया। कुछ देर चलने के बाद वे एक झोपड़ी के पास पहुंचे, जो जंगल के बहुत अंदर थी, जहां कोई नहीं आता था। चाची ने पूछा, “क्या हम न्यू ईयर यहां सेलिब्रेट करेंगे?” रमेश ने कहा, “हां, तुझे ये जगह पसंद आई?” चाची बोलीं, “बहुत अच्छी जगह है, यहां कितना सुकून है।” फिर वे झोपड़ी के पास पहुंचे। रमेश ने चाची को बाहर इंतजार करने को कहा और बोला, “जब मैं बुलाऊं, तब आना।” थोड़ी देर बाद उसने कहा, “सुजाता, पीछे मुड़ और अपनी आंखें बंद कर।” चाची ने वैसा ही किया।
मैंने देखा कि रमेश पूरी तरह नंगा होकर झोपड़ी से बाहर आया और चाची के पीछे खड़ा था, इसलिए मुझे उसका लंड नहीं दिखा। फिर उसने चाची की आंखों पर पट्टी बांधी और उन्हें झोपड़ी में ले गया, फिर दरवाजा बंद कर दिया। मैं चुपके से झोपड़ी के पास पहुंचा और वहां की दीवार में बने छेद से अंदर देखने लगा। अंदर एक दीया जल रहा था, जिससे झोपड़ी में रोशनी थी। रमेश चाची के ठीक पीछे खड़ा था। उसने चाची की आंखों से पट्टी हटाई। चाची ने आंखें खोलीं और उनके मुंह से निकला, “वाह!” वे झोपड़ी को देख रही थीं। वहां एक दीया, एक पलंग, एक चटाई और पानी की बोतल रखी थी। रमेश ने धीरे से पूछा, “कैसा लगा?” चाची बोलीं, “बहुत मस्त, मैं अपनी पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ इस झोपड़ी में बिताना चाहती हूं।”
फिर रमेश चाची से चिपक गया। उसने एक हाथ उनकी कमर पर रखा और उनकी गर्दन पर किस करने लगा। चाची थोड़ा आगे बढ़ने लगीं, लेकिन रमेश ने उन्हें झटके से पीछे खींचा। मुझे लगा कि चाची को उसका लंड छू रहा होगा।
चाची: तुम पूरी तरह नंगे हो?
रमेश: हम्म।
फिर उसने चाची के बालों की क्लिप निकाली, उनका पल्लू नीचे गिरा, और वह पीछे से उनकी कमर को सहलाने और किस करने लगा।
रमेश: सुजाता, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। तुम्हारे बिना रह नहीं सकता। जब से तुम्हें देखा, तब से तुम्हारा ही ख्याल रहता है। जिस दिन तुम नहीं आती, मेरा दिन खराब हो जाता है।
चाची: मेरे में ऐसा क्या है कि तुम मुझसे इतना प्यार करते हो? मैं इतनी मोटी हूं कि सारे मर्द मुझे मावशी कहते हैं। बस तुम ही हो जो मुझसे प्यार करते हो।
रमेश: मुझे नहीं पता, सुजाता। लेकिन तुम्हें देखकर मेरे दिल को सुकून मिलता है, एक अलग सा आनंद होता है। तुम मोटी नहीं, एक पूरी औरत हो, जो सिर्फ अच्छे मर्द को ही पसंद आती है।
चाची: जैसे कि तुम।
रमेश: हम्म।
फिर उसने चाची की साड़ी उनकी कमर से अलग की और कोने में फेंक दी। चाची ने अपने हाथ पीछे करके ब्लाउज के हुक खोले। उसी वक्त रमेश ने उनके पेटीकोट का नाड़ा खींचा, जिससे पेटीकोट जमीन पर गिर गया। चाची ने पैंटी नहीं पहनी थी, और उनकी पुच्ची पर हल्के बाल थे। वह बहुत शरमा रही थीं और हाथों से अपनी पुच्ची छुपाने लगीं। रमेश ने उन्हें पकड़कर अपनी ओर खींचा, जिससे उसका लंड चाची की गांड की दरार में चला गया। चाची ने कहा, “उफ्फ्फ!” रमेश ने तुरंत उनका ब्लाउज खोलकर फेंक दिया। अब मेरी चाची पूरी तरह नंगी थीं और किसी अप्सरा जैसी लग रही थीं।
चाची: तेरा लंड कितना अच्छा है।
वह उसका लंड सहलाने लगीं। फिर उन्होंने रमेश को गले लगाया, और वह भी उन्हें प्यार करने लगा। रमेश ने उन्हें अलग किया और उनके होंठों पर अपने होंठ रखकर किस करने लगा। चाची ने उसका लंड पकड़कर धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया, और वह उनके होंठ चूसने लगा। उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था। फिर चाची उसकी लटकती गोटियों से खेलने लगीं, जिससे रमेश बहुत उत्तेजित हो गया। फिर वह चाची के पास गया और अपनी पैंट से कुछ निकालकर दिखाया, जिसे देखकर चाची बहुत खुश हुईं। उसने चाची के लिए दो पायल लाई थी। फिर वह घुटनों के बल बैठ गया।
रमेश: सुजाता, अपने मुलायम पैर मेरी गोद में रख।
चाची ने ऐसा किया, और उसने उनके पैरों में पायल पहनाई। फिर उसने चाची की जांघ अपने कंधे पर रखी और उनकी मुलायम, हल्के बालों वाली पुच्ची को किस किया। चाची ने कहा, “अह्ह्ह!” फिर चाची पलंग पर गईं और चादर के अंदर घुस गईं। रमेश ने कंडोम का पैकेट निकाला और एक कंडोम अपने लंड पर चढ़ाया। फिर वह पलंग पर गया, चादर के अंदर घुसा और चाची के ऊपर चढ़ गया। वह चाची को प्यार से देखने लगा।
चाची: क्या देख रहा है?
रमेश: तुझे। तू कितनी खूबसूरत और प्यारी है। मैं कितना खुशकिस्मत हूं कि मुझे तेरे जैसी औरत मिली। तू बिल्कुल वैसी है, जैसी मैं चाहता था।
चाची ने उसका चेहरा पकड़ा और उसके होंठों को चूमने लगीं।
चाची: लेकिन तू मुझ पर भरोसा नहीं करता।
रमेश: कौन बोला?
चाची ने चादर में हाथ डाला और कंडोम बाहर निकाल लिया।
चाची: फिर ये क्या है? मैं 8 साल बाद किसी मर्द के साथ सो रही हूं। मेरा पति भी मुझे कम छूता था।
रमेश: मैं तुझे इतनी जल्दी प्रेग्नेंट नहीं करना चाहता था।
चाची: मैं गोलियां लूंगी। वादा कर कि आज से मेरे साथ सेक्स करते वक्त तू कभी कंडोम नहीं पहनेगा।
रमेश: मैंने तेरे सिवा किसी के साथ कभी नहीं किया और न ही करूंगा। ये वादा है।
चाची फिर उसे किस करने लगीं, और वह भी जवाब में किस करने लगा। फिर उसने चाची को गले लगाया।
चाची: आय लव यू, रमेश। आय लव यू वेरी मच।
रमेश: आय लव यू टू। मैं बता नहीं सकता, मुझे कितना अच्छा लग रहा है। तेरे शरीर की खुशबू मुझे पागल कर रही है।
चाची: हम्म।
फिर वह उनकी गर्दन चूसने लगा, फिर उनकी छाती और फिर चादर नीचे खींच दी। चाची का ऊपरी नंगा शरीर दिखने लगा। उनके गोरे बॉल और गुलाबी निपल्स बहुत खूबसूरत लग रहे थे। रमेश ने उनके बॉल पकड़े और चूसने लगा। वह उनके बॉल मुंह में लेकर चूसने लगा। चाची को भी अब जोश चढ़ने लगा।
चाची: अह्ह्ह रमेश, क्या कर रहा है राजा? हम्म्म उफ्फ्फ येस्स्स्स और चूस… उम्म्म्म अह्ह्ह अब दूसरा भी चूस ना राजा।
उनके मुंह से आवाजें निकल रही थीं, “आह्ह उह्ह्ह हां, और जोर से चूस, खा जा मेरी… आईईईई और चूस, दबा, मेरे दोनों बॉल दबाकर पी जा… अह्ह्ह्ह आईईईई।”
थोड़ी देर बाद रमेश ने कहा, “अब तू मेरा लंड चूस।” चाची ने पहले मना किया, लेकिन फिर मान गईं। उन्होंने उसका 6.5 इंच का लंड हाथ में लिया और नीचे बैठकर चूसने लगीं। मैं तो स्वर्ग में था, और उन्होंने मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा दिया।
फिर रमेश ने उन्हें सीधा लिटाया, उनके माथे पर किस किया, उनके गुलाबी होंठों को चूमा, उनकी गर्दन पर किस किया, फिर उनके बॉल और आखिर में उनकी पुच्ची के पास आकर उनकी जांघों को चूमा। उनकी पुच्ची की खुशबू उसे पागल कर रही थी। उसने उनकी जांघें अलग कीं तो उनकी छोटी गुलाबी पुच्ची सामने थी। उसने बिना वक्त गंवाए अपनी जीभ उनकी पुच्ची में डाली और चूसने लगा।
चाची: बहुत अच्छा लग रहा है, रमेश। मैं पहली बार अपनी पुच्ची चटवा रही हूं।
वह “आह्ह्ह” करने लगीं और अपने बॉल दबाने लगीं। “अह्ह्ह उह्ह्ह अब बस कर… आईईईई मैं अब नहीं रुक सकती।”
रमेश ने उनकी पुच्ची को जीभ से खूब चाटा। फिर दोनों 69 की पोजीशन में आए और एक-दूसरे की प्यास बुझाई। रमेश ने उनकी पुच्ची के दाने को जीभ से चाटना शुरू किया, और चाची उसके सिर को अपनी पुच्ची पर दबाने लगीं, जैसे पहली बार कोई उनकी पुच्ची चाट रहा हो। वह चिल्ला रही थीं, “ओह्ह्ह उम्म्म्म येस्स्स्स,” और वह पूरे जोश से उनकी पुच्ची चाट रहा था। अचानक चाची ने उसका सिर जोर से दबाया और सारा रस छोड़ दिया। रमेश ने उसे पी लिया और फिर चाची को किस करने लगा।
दोस्तों, चाची अब पागल हो चुकी थीं। वह अपनी पुच्ची को उसकी जीभ की ओर कर रही थीं और उसके सिर को अपनी पुच्ची पर दबा रही थीं। जब रमेश को लगा कि चाची पूरी तरह गर्म हो चुकी हैं, वह भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा और उनके बॉल दबाने और चूसने लगा।
फिर उसने चाची को सीधा लिटाया और एक ही झटके में अपना लंड उनकी पुच्ची में डाल दिया। पुच्ची गीली होने के कारण लंड फिसलता हुआ उनके गर्भाशय से टकराया, और चाची चिल्ला उठीं। रमेश ने कुछ देर उनके बॉल दबाए, सहलाए और फिर जोर-जोर से धक्के मारकर चोदने लगा। चाची भी अपनी पुच्ची ऊपर उठाकर लंड से चुदाई का मजा लेने लगीं।
थोड़ी देर बाद रमेश ने अपना 6.5 इंच का लंड उनकी पुच्ची के छेद पर रखा। वह धीरे-धीरे लंड को उनकी पुच्ची पर रगड़ने लगा। फिर उसने तेल लिया, थोड़ा चाची की पुच्ची पर डाला और अपने लंड पर भी लगाया। फिर लंड को पुच्ची पर रखकर धीरे से धक्का दिया। “अह्ह्ह्ह आईईईई,” चाची के मुंह से जोर की चीख निकली। उसका लंड उनकी पुच्ची में था। अब दोनों एक हो चुके थे। चाची जोर-जोर से चिल्लाने लगीं और दर्द से तड़पने लगीं। रमेश ने थोड़ा रुककर एक और जोरदार धक्का मारा और साथ में चाची को किस करने लगा। चाची “स्स्स्स्स” की आवाजें निकालने लगीं और चिल्लाने लगीं, “आह्ह्ह्ह आईईईई,” लेकिन रमेश धक्के मारता रहा। फिर चाची ने एक बॉल उसके मुंह में दिया, जिससे वह और जोर से धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद चाची भी उसका साथ देने लगीं।
10 मिनट बाद चाची ने उसे रुकने को कहा और उसका लंड बाहर निकाला। फिर वह उसकी गोद में बैठ गईं और लंड को अपनी पुच्ची में डालकर चुदाई करने लगीं। उन्होंने अपना पानी लंड पर छोड़ दिया। थोड़ी देर बाद रमेश ने स्पीड बढ़ा दी, और मुझे लगा कि वह अब पानी छोड़ने वाला है।
चाची ने उसे अपनी बाहों में लिया और प्यार करने लगीं। रमेश जोर-जोर से धक्के मारकर पानी छोड़ने लगा। उसने सारा पानी छोड़ दिया और चाची की बाहों में जोर-जोर से सांस लेने लगा। वह थक गया था। फिर उसका लंड चाची की पुच्ची से बाहर निकला, पूरी तरह गीला होकर लटकने लगा। चाची ने कहा, “तू सो, मैं टॉयलेट करके आती हूं।” उनकी पुच्ची से रमेश का वीर्य बाहर निकल रहा था।
चाची झोपड़ी से बाहर आईं, पानी की बोतल ली और एक पेड़ के पीछे बैठकर पेशाब करने लगीं। वह अकेले में खुद से बात करने लगीं।
चाची: रमेश, आय लव यू। तूने मेरी जिंदगी की प्यास बुझाई। मैं तुझसे इतना प्यार करूंगी कि तू मेरे बिना नहीं रह पाएगा।
फिर वह उठीं, अपनी पुच्ची और गांड साफ की और झोपड़ी में वापस आईं। दीये की रोशनी कम की, चादर में घुसीं और रमेश को गले लगाकर सो गईं। वह भी उन्हें प्यार करता हुआ सो गया। दो मिनट बाद मैं भी अपने घर लौट गया।
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