नमस्ते दोस्तों, मैं आपकी दोस्त सेक्सी पूर्वा। आज मैं आपको बताने जा रही हूँ कि मेरे भाई ने मेरी चुदाई कैसे की। पहले मैं अपने बारे में बता दूँ। मैं बहुत हॉट और सेक्सी लड़की हूँ, मेरे बड़े-बड़े बॉल किसी का भी लंड खड़ा कर सकते हैं। अब मैं कहानी पर आती हूँ।
ये बात उस समय की है जब मैं एसएससी की परीक्षा देने भोपाल गई थी। वहाँ मेरा भाई रहता था और मैं उसके पास रुकी थी। वो मेरे मामा का लड़का था और वहाँ रूम लेकर रहता था। जब मैं वहाँ पहुँची, तो वो मुझे लेने आया था। मैं उसके साथ उसके रूम पर गई।
वहाँ जाकर देखा तो सिर्फ़ एक ही पलंग था। उसने कहा, “पूर्वा, तू थक गई होगी, नहा ले, मैं तेरे लिए चाय लेकर आता हूँ।”
मैं नहाने गई तो देखा कि वहाँ कुछ सफ़ेद जेल जैसा था। मैं समझ गई कि आज इसने मुठ मारकर माल यहीं छोड़ा है।
ये देखकर मेरे मन में कुछ होने लगा। मैंने सारे कपड़े उतारे और नहाने लगी, साथ ही अपनी चूत में उंगली डालने लगी। मुझे पता ही नहीं चला कि कब भाई आ गया। उसने आवाज़ दी तो मैं घबरा गई और जल्दी से तौलिया लपेटकर बाहर आ गई।
मेरा मन अब उसकी तरफ़ भाग रहा था। चूत में उंगली करने से मैं थोड़ी गर्म हो गई थी। अब मुझे किसी भी तरह लंड चाहिए था, लेकिन मैंने थोड़ा सब्र रखा।
फिर मैंने कपड़े पहने, खाना खाया और भाई से थोड़ी बात करके सो गई।
रूम में एक ही पलंग था, इसलिए भाई मेरे पास सटकर सोया। मैं बहुत थक गई थी, इसलिए जल्दी नींद आ गई।
रात को 2 बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि भाई का लंड खड़ा है। उसे देखकर मैं खुद को रोक न सकी और उससे चिपककर सो गई।
फिर मैंने उसकी बनियान ऊपर की और उसके पेट पर हाथ रखा, धीरे-धीरे उसकी चड्डी में हाथ डाला।
वो शायद जाग गया था, लेकिन सोने का नाटक कर रहा था। मैं समझ गई कि इसकी नींद उड़ गई है।
अब मैंने उसकी चड्डी नीचे की, अपना लोअर और पैंटी भी नीचे सरकाई और उससे पूरी तरह चिपक गई।
अब उससे भी कंट्रोल नहीं हुआ, उसने मेरी चूत पर हाथ रखा और उंगली अंदर-बाहर करने लगा।
उसकी उंगली अंदर जाते ही मैं तड़पने लगी। मैंने उसे किस किया तो उसने कहा, “ये सब क्या हो रहा है?”
मैंने कुछ नहीं कहा और उठकर उसका लंड पकड़कर मुँह में ले लिया। ये देखकर भाई दंग रह गया और बोला, “चल, आज मैं तुझे चुदाई का असली मज़ा देता हूँ।”
फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
मैंने भी उसके सारे कपड़े उतार दिए और हम दोनों एक-दूसरे में खो गए।
उसने मेरी चूत चाटना शुरू किया और मैं बेकरार होने लगी।
मैंने उससे कहा, “मैं बहुत प्यासी हूँ, मुझे तेरे लंड का मज़ा दे, हाँ, मुझे चोद, अपनी बहन को ठोक।”
वो बोला, “मेरी रानी, आज से तू मेरी रानी है और मैं तेरा राजा। आज से भाई-बहन का रिश्ता ख़त्म।” मैंने हाँ कहा।
फिर हम 69 पोजीशन में आए और एक-दूसरे को चाटने-चूसने लगे। मैंने उससे कहा, “मेरे राजा, अब मुझे और तड़पा मत, अपने लंड से मेरी चूत फाड़ दे और मुझे अपनी रंडी बना दे।”
उसने झट से मेरी चूत पर लंड रखा और एक धक्के में 7 इंच का बांस मेरी चूत में घुसा दिया।
वो अंदर घुसते ही मुझे बहुत दर्द हुआ।
मैं चिल्लाई, “ओह भेनचोद, इसे बाहर निकाल, बहुत दर्द हो रहा है।” लेकिन वो कहाँ मानने वाला था, वो मेरी चूत को ऐसे चोद रहा था जैसे कोई रंडी को चोदता है।
थोड़ी देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा, मैं भी उछल-उछलकर उसका साथ देने लगी।
15 मिनट बाद उसने कहा, “मैं झड़ने वाला हूँ, कहाँ निकालूँ?”
मैंने कहा, “लंड जल्दी बाहर निकाल, अंदर मत झड़ना, अपना रस मेरे मुँह में दे।”
उसने जल्दी से लंड चूत से निकाला और मेरे मुँह के पास ले आया। मैंने उसे तुरंत मुँह में लिया।
फिर मैंने उसे खूब चूसा और उसका रस पी लिया। फिर हम थककर वहीँ सो गए। हमें पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गई।
सुबह मैं उठी तो राजा मेरे ऊपर चढ़ा था। मैंने उसे उठाया और कहा, “मुझे एग्जाम देने जाना है यार, मुझे जगह पर छोड़ दे।”
उसके बाद मैं 7 दिन वहाँ रुकी और…
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