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सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! मैं संदीप फिर से लेकर आया हूँ एक नई हॉट सेक्स स्टोरी। पूजा को मैं जब चाहता था, रूम पर लाकर उसकी जमकर चुदाई करता था। हमने खूब मजे किए। अब प्यार के बारे में सब समझ आ चुका था। हम दोनों बस अपनी वासना पूरी करना चाहते थे और एक-दूसरे की जरूरतों को समझ गए थे। उसे भी नए लड़कों से सेक्स करने की इच्छा थी और मैं भी नई चूत की तलाश में था।

सेक्स अगर पार्टनर बदलकर किया जाए तो मजा दोगुना हो जाता है, वरना कुछ समय बाद सब कुछ बोरिंग लगने लगता है, चाहे आपका पार्टनर कितना भी खूबसूरत और सेक्सी क्यों न हो।

मैंने पूजा से कई बार कहा कि वह अपनी किसी सहेली के साथ मेरा सेटिंग करवा दे। लेकिन उसके आसपास की सारी सहेलियाँ दो-तीन लड़कों के साथ मजे लेती थीं। कॉलेज में लड़कियों को लड़कों की कहाँ कमी होती है? यहाँ तक कि बुरी लड़की को भी कोई न कोई लड़का मिल ही जाता है।

यहाँ मैं रोज पूजा को चोद-चोदकर थक गया था। मैं दोस्तों के साथ बीयर पीने निकल जाता था और पूजा को रूम पर लाना भी कम कर दिया था। मेरी इच्छा थी कि हम दोनों बीयर पीकर सेक्स करें, क्योंकि दोस्तों, नशे में सेक्स करने का मजा कई गुना बढ़ जाता है। लेकिन पूजा घर पर रहती थी, इसलिए मना कर देती थी। उसे डर था कि कहीं ज्यादा चढ़ गई और घर नहीं जा पाई तो मामा उसकी जान ले लेगा। लेकिन उसकी भी इच्छा तो थी।

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फिर कुछ दिनों बाद एक मौका मिला। पूजा की एक सहेली सुरभी का ब्रेकअप हो गया था। पूजा ने मुझे बताया था कि सुरभी मन ही मन मुझे पसंद करती है, लेकिन अपने बॉयफ्रेंड की वजह से अब तक चुप थी।

मुझे लगा जैसे मुझे लॉटरी लग गई हो। सुरभी एक खूबसूरत, सेक्सी और स्टाइलिश लड़की थी—एक नंबर का पटाखा।

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दोनों सहेलियाँ खुलकर सेक्स पर बातें करती थीं। पूजा ने उसे सब बता रखा था कि हमने कितनी बार और कैसे-कैसे सेक्स किया। मैं उसकी चूत चाटता था और वह मेरा लंड चूसती थी। सारी छोटी-बड़ी बातें सुनकर सुरभी भी गरम हो जाती थी, क्योंकि उसके बॉयफ्रेंड ने उसे सिर्फ दो बार चोदा था और उसे ऐसे मजे नहीं दिए थे। सुरभी को भी चुदवाने की इच्छा थी।

पूजा ने मौका देखकर मेरी बात सुरभी से की और थोड़े ही समय में उसे उत्तेजित करके सेक्स के लिए तैयार कर लिया। लेकिन पूजा की एक शर्त थी कि मुझे दोनों को एक साथ चोदना होगा। मुझे और क्या चाहिए था? मैं खुशी-खुशी मान गया।

सुरभी एक आधुनिक सोच वाली लड़की थी, जो अपने घर से दूर जयपुर में लड़कियों के हॉस्टल में रहती थी। उसके हॉस्टल में ज्यादा पाबंदियाँ नहीं थीं।

पूजा ने मुझे बताया था कि सुरभी ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ एक बार सिगरेट और बीयर भी पी थी। आजकल कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए ये कोई नई बात नहीं है।

अब मेरे दिमाग में आइडिया आया कि दोनों लड़कियों के साथ पार्टी करूँ, बीयर पियूँ और पिलाऊँ, फिर सेक्स करूँ। क्योंकि दो लड़कियों को चोदना और संतुष्ट करना आसान नहीं, इसके लिए खूब जोश चाहिए और बीयर पीने से इंसान जोश में आ जाता है।

मैंने ये प्लान पूजा को बताया। पहले उसने मना किया, लेकिन मैं अड़ा रहा और वह मान गई। मैंने उसे कहा कि अपने बाप से कह दे कि तुझे एक जरूरी प्रोजेक्ट के लिए सहेली के घर जाना है और सुरभी भी साथ होगी।

उसने सुरभी को तो पहले ही बता दिया था, वह तुरंत तैयार हो गई और पूजा के बाप ने भी मान लिया।

अब वो दिन आ गया जिसका हम तीनों इंतजार कर रहे थे। पूजा का बाप उसे शाम 6 बजे सुरभी के हॉस्टल छोड़ गया। 6:30 बजे दोनों वहाँ से मेरे साथ निकल पड़ीं।

हम तीनों मेरे रूम पर पहुँचे। मैंने दोनों को पानी पिलाया और खुद सामान लाने निकल गया। लौटते वक्त मैंने कंडोम का पैकेट लिया, क्योंकि पूजा को तो मैं जानता था, लेकिन सुरभी के साथ पहली बार था। मैंने सोचा, सावधानी बरतने में क्या हर्ज है।

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मेरा लंड तो पूरे रास्ते खड़ा रहा, पूरी तरह उत्तेजित हो गया था। रूम पर पहुँचते ही मैंने पूजा को गले लगाया और उसे किस करने लगा। फिर मैंने सुरभी को भी गले लगाया और एक किस दी।

हम तीनों बैठकर बातें करने लगे और साथ में बीयर पीने लगे। सुरभी ने मेरे बारे में बहुत सवाल किए, लेकिन मेरा मन तो उसके मस्त बॉल्स को चूसने में लगा था। दोनों सहेलियाँ गटागट बीयर पी रही थीं। मैंने कहा, “ऐसे तो नहीं पीते। अगर ज्यादा चढ़ गईं और बेहोश हो गईं तो मेरे लंड का क्या होगा?” मैं उन्हें बार-बार कहता रहा कि धीरे और कम पियो। नशा हम तीनों पर चढ़ गया था और दोनों के आँखों में हवस साफ दिख रही थी।

पूजा मुझसे चिपककर बैठ गई और मेरे गाल और कान चाटने लगी। उसने मेरे शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर किस की बरसात कर दी। मैंने भी अपने हाथ उसके टॉप में डाले। एक हाथ से उसके बॉल्स दबा रहा था और दूसरे से उसकी पीठ सहला रहा था। फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया, उसकी ब्रा निकाली और उसके बॉल्स पर टूट पड़ा। मैं कुत्ते की तरह उसके बॉल्स चूसने और चाटने लगा। वह जोर-जोर से “स्स्स… उम्म्म्म” करने लगी।

ये सब देखकर सुरभी की हालत खराब हो गई थी। वह अपने हाथ से अपने बॉल्स दबा रही थी और जींस में एक हाथ डालकर अपनी चूत घिस रही थी।

मैंने और पूजा ने उसकी ओर देखा। सुरभी थोड़ी दूर बैठी थी। मैंने उसका हाथ पकड़ा और झटके से उसे पास खींच लिया। फिर उसे जोर से किस किया। वह भी बहुत प्यासी थी और साथ देने लगी। उत्तेजना में उसने मुझे जोर-जोर से चूसना और काटना शुरू कर दिया।

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अब मैं उसके बॉल्स चूसने लगा। उसके कपड़े उतारने में पूजा मदद करने लगी। पूजा खुद भी नंगी हो गई थी। उसने सुरभी की जींस और चड्डी उतारकर उसे नंगी कर दिया। मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए। हम तीनों एक-दूसरे के सामने नंगे थे।

फिर मैंने सुरभी को लिटाया और मैं व पूजा मिलकर उसे चोदने लगे। पूजा उसकी चूत चाट रही थी और मैं उसकी नाभि और बॉल्स जोर-जोर से चाट रहा था। पूजा एक हाथ से मेरा लंड भी हिला रही थी। सुरभी लेटकर “उछ्ह्ह… उम्म्म्मम… येस्स्स” कर रही थी, उसकी आँखें बंद हो गई थीं।

फिर उसे छोड़कर पूजा मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसे किस करते हुए उसके होंठ जोर से चबाने लगा।

अब पूजा की बारी थी। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत चाटने लगा। दोनों सहेलियाँ एक-दूसरे को किस कर रही थीं और बॉल्स दबा रही थीं। ये देखकर मैं हैरान रह गया। पहली बार दो लड़कियों को सेक्स करते देख रहा था। मेरा लंड का पानी वहीं निकल गया।

अब इतना फोरप्ले करने के बाद मैंने पूजा को चोदना शुरू किया। उसके ऊपर आकर एक धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। वह चिल्लाई, लेकिन थोड़ी देर में गांड उठाकर चुदवाने लगी। मैं उसके दोनों बॉल्स जोर-जोर से दबाने लगा।

सुरभी अब तक उसे किस कर रही थी। वह अपनी चूत में उंगली डालकर पूजा को किस कर रही थी। कुछ देर बाद मैंने पूजा की चूत में पानी छोड़ दिया। फिर हम तीनों ने थोड़ा आराम किया और सिगरेट जलाई। 10 मिनट बाद फिर से चुदाई शुरू की। इस बार मैंने सुरभी को ठोका, उसे पूरी ताकत से चोदा। फिर हम तीनों थककर वैसे ही नंगे सो गए।

वो चुदाई हम तीनों की सबसे शानदार ठोकाठोकी थी। उसकी याद आते ही मैं आज भी मुठ मारे बिना नहीं रह पाता।

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