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हॉट सेक्स स्टोरी में पढ़ें कैसे मुझे एक सेक्सी आंटी से कामुक शिक्षा मिली। उमा आंटी मेरी मम्मी की दोस्त थी और अक्सर मेरे घर मम्मी से बात करने और टाइमपास करने आती थी। वह बहुत हॉट और सेक्सी आंटी थी, लेकिन मम्मी के डर से मैं उसके ज्यादा करीब नहीं जा पाता था। वह कई बार मेरी गांड पर मारकर मुझे हाय-हैलो करती थी। उसके इस स्पर्श से मेरा लंड खड़ा हो जाता था, पर मेरे मन की बात मन में ही रह जाती थी। आखिरकार मेरे 18 साल के लंड को चुदाई का मौका मिल ही गया। चलिए, आपको इस हॉट आंटी को ठोकने की पूरी कहानी सुनाता हूँ।

उस दिन मम्मी मेरे मामा के शादी की शॉपिंग के लिए मामा और मौसी के साथ कानपुर गई थीं। मैं घर पर अकेला था। गर्मी शुरू हो चुकी थी और दोपहर में सब सो जाते थे। मैं अपने लैपटॉप पर बीपी (ब्लू फिल्म) देख रहा था। उसमें एक हॉट आंटी की चुदाई चल रही थी। मेरा हाथ मेरी पैंट के अंदर था और मैं उमा आंटी का नाम लेकर मुठ मार रहा था। तभी दरवाजे की घंटी बजी। मैंने मूवी रोककर मिनिमाइज किया और दरवाजा खोला। सामने उमा आंटी खड़ी थी। गर्मी ज्यादा होने की वजह से उसने पतले कपड़े पहने थे, जिनमें से उसके बॉल साफ दिख रहे थे। मेरा लंड पहले से ही खड़ा था और इस हॉट आंटी को देखकर और सख्त हो गया। आंटी ने भी मेरे उभरे हुए लंड को नोटिस कर लिया था। उसने पूछा, “तेरी मम्मी कितने बजे आएगी?”

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मैंने कहा, “वो लोग शाम को आएँगे।”

हॉट आंटी बोली, “मुझे घर पर बोरियत हो रही है। तू क्या कर रहा है? आज हम रमी खेलते हैं।”

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मैंने कहा, “ठीक है।” मैंने आंटी को अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया। आंटी सीधे लैपटॉप के पास जाकर बैठ गई और बोली, “दीपक, मुझे पानी दे पीने के लिए।” मुझे लगा कि आंटी इतनी चालाक नहीं होगी कि लैपटॉप खोलेगी, तो मैं पानी लेने चला गया। जब मैं वापस आया तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। कमरे में आते ही मैंने देखा कि आंटी ने बीपी वाली विंडो खोल दी थी। सीन में एक आंटी के मुँह में लंड था। मैंने सोचा, आज तो वाट लगने वाली है, आंटी ये सब मम्मी को बता देगी। लेकिन ये क्या? आंटी ने आवाज कम की और मूवी चालू कर दी। मैं दरवाजे के पीछे छिप गया। मैंने देखा कि उसने थोड़ा देखने के बाद मूवी को वहीँ पॉज कर दिया, जहाँ मैंने छोड़ा था, और विंडो मिनिमाइज कर दी। फिर मैं दरवाजे से बाहर आया और उसे पानी दिया। आंटी मेरे खड़े लंड को देख रही थी।

आंटी बोली, “दीपक, तू लैपटॉप पर क्या कर रहा था? मुझे भी थोड़ा सिखा।”

मैंने कहा, “आंटी, ये आसान है। आप फट से सीख जाएँगी।”

हॉट आंटी ने नखरे करते हुए कहा, “चल, मैं देखती हूँ।” इतना कहकर उसने विंडो फिर से खोली और चुदाई का सीन देखकर अपने मुँह पर हाथ रखते हुए बोली, “दीपक, ये क्या है? ये तो पोर्न मूवी है?”

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मैंने कहा, “हाँ आंटी।” मैं जरा भी नहीं घबराया, क्योंकि मुझे पता था कि आंटी ने क्या किया था। आंटी बोली, “तू भी ये सब देखता है?”

मैंने कहा, “हाँ आंटी, मैं इसे सेक्स एजुकेशन के लिए देखता हूँ।”

वह बोली, “अच्छी बात है। वैसे भी तू 18 साल का हो गया है। तुझे सेक्स के बारे में ज्ञान होना चाहिए। अब तक क्या सीखा?”

मैंने कहा, “अभी तक कुछ नहीं सीखा। आज पहली बार मूवी देख रहा था।” वह बोली, “अच्छा, चल मैं तुझे सिखाती हूँ।” इतना कहकर उसने मूवी चालू की। उस मूवी में एक दिल्ली की आंटी की गांड मारी जा रही थी। वह बोली, “देख, ऐसे ठोकाठोकी करते हैं। ये पुच्ची है।” उसने मूवी में पुच्ची दिखाई और कहा, “इसमें दो छेद होते हैं—एक पेशाब के लिए और एक पुच्ची का। पुच्ची के छेद में चुदाई करते हैं।” मैंने कहा, “आंटी, साफ नहीं दिख रहा।” वह हँसी और बोली, “मेरी पुच्ची देखकर एजुकेशन लेगा?” मैंने कहा, “सच में आंटी?”

हॉट आंटी खड़ी हुई और उसने अपनी लहंगा खोल दिया। वह सोफे पर बैठ गई और पैंटी भी उतार दी। उसकी पुच्ची बहुत बालों वाली थी। लग रहा था कि उसने कई दिनों से बाल नहीं काटे थे। मेरा लंड खड़ा था, लेकिन मैं जल्दबाजी नहीं करना चाहता था। मैंने उसकी पुच्ची पर हाथ रखा और उसे खोलने लगा। आंटी ने मेरी मदद की, पुच्ची के होंठ खोले और बोली, “ये नीचे वाला छेद चुदाई के लिए होता है। इसमें मर्द अपना लंड डालते हैं।” मैंने अपनी पैंट उतारी और कहा, “आंटी, मैं डालकर देखूँ?” वह हँसी और बोली, “अच्छा, डालकर देख, लेकिन अपनी मम्मी को कुछ मत बताना।” वह उत्तेजित थी और मैं भी। हम दोनों एक-दूसरे की उत्तेजना का फायदा उठाना चाहते थे। जैसे ही मेरा लंड उसकी पुच्ची को छूआ, वह “सी सी” करने लगी। मेरे हाथ उसके बॉल्स पर चले गए। मैंने एक हल्का झटका मारा और लंड उसकी पुच्ची में घुसा दिया। मेरे हाथ उसके बॉल्स दबा रहे थे और मैं उसकी पुच्ची को धीरे-धीरे ठोक रहा था। उसने दोनों हाथ पीछे किए और उनकी मदद से बैठ गई। मैंने उसके पैर फैलाए और ठोकने की स्पीड बढ़ा दी।

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मैं 10 मिनट तक उसकी पुच्ची ठोकता रहा और साथ में उसके बॉल्स दबाता रहा। गर्मी का असर उस पर दिख रहा था, क्योंकि उसके पूरे शरीर से पसीना बह रहा था। उसके पेट का पसीना उसकी पुच्ची तक पहुँच गया था। मेरी भी हालत ऐसी ही थी, मैं पसीने से तर-बतर था। मैंने ठोकने की स्पीड और बढ़ाई। उसकी पुच्ची उम्रदराज होने की वजह से ढीली थी, इसलिए चुदाई खूब चली। तभी मुझे लगा कि उसने अपनी पुच्ची टाइट की है। शायद उसकी पुच्ची ने रस छोड़ दिया था। मैंने भी स्पीड बढ़ाई। मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली और उसकी पुच्ची में चली गई। कुछ देर बाद मैं और हॉट आंटी सोफे पर बैठ गए। आंटी बोली, “अगर तुझे और सेक्स एजुकेशन चाहिए तो मुझे बता। मेरा पति दोपहर को घर पर नहीं रहता। मैं तुझे गांड मारना और बॉल्स चोदना सिखाऊँगी।”

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