नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम हेमंत है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 32 साल है। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये बात उस वक्त की है जब मैं 26 साल का था और एक दुकान चलाता था। मुझे उस वक्त सेक्स करना बहुत पसंद था। उस समय मेरे एक अच्छे दोस्त की बहन अपने पति और बच्चों के साथ रहने आई थी। उसकी उम्र 38 साल थी और उसके बूब्स का साइज़ 36-32-38 था।
वो मुझे अपने खुले बालों में बहुत सेक्सी लगती थी, लेकिन वो मेरे दोस्त की बहन थी, इसलिए मैं उसे ताई कहता था। वो अक्सर मेरे पास आकर मेरे बगल में बैठती और घंटों बातें करती थी। जब वो हिलते-डुलते चलती थी, तो उसकी बड़ी गांड आगे-पीछे होती थी। उसका सेक्सी शरीर देखकर कोई भी उसे चोदने की इच्छा करता था। वो कई बार बिना ब्रा के ब्लाउज़ पहनती थी, जिससे वो और भी सेक्सी लगती थी। मैं उसके बूब्स, गांड और सेक्सी बॉडी को देखकर उसकी ओर आकर्षित हो जाता था।
वो भी मेरे साथ हँसते-हँसते खुलकर बातें करने लगी थी। दोस्तों, उसकी बड़ी बेटी, जो उस वक्त 21 साल की थी, दूध की तरह गोरी थी। उसके गाल गुलाब जैसे लाल और बूब्स बहुत मुलायम थे। उसका फिगर 34-26-34 था। वो दिखने में किसी परी जैसी अप्सरा थी। उसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा होकर सलामी देता था। वो मुझे मामा कहकर बुलाती थी।
वो अब यहीं रहने वाली थी। उसके 2 बेटे और 2 बेटियाँ थीं। उसकी बड़ी बेटी 21 साल की थी, जिसका नाम हेमा था। दोस्तों, कब हम दोनों की गहरी दोस्ती हुई और कब प्यार हो गया, ये मुझे समझ ही नहीं आया। लेकिन कुछ दिनों बाद वो अपने ससुराल गई और मुझे भी अपने साथ ले गई। मैं वहाँ बहुत खुश था, लेकिन अब ताई मुझे किसी अलग नज़र से देखने लगी थी। फिर एक दिन मेरा सिर दुख रहा था और वो ठंड के दिन थे। मैं चादर ओढ़कर सो रहा था। ताई मेरे पास आई और बोली, “क्या मैं तेरे सिर की मालिश कर दूँ?”
मैंने उसे मना किया, लेकिन वो नहीं मानी। उस वक्त मैं दीवार के पास सोया था। वो मेरे पास बैठ गई और मेरे सिर की मालिश करने लगी। उस वक्त रात के 11 बज रहे थे। घर के सारे लोग सो चुके थे। ताई एक हाथ से मेरे सिर की मालिश कर रही थी और उसका दूसरा हाथ मेरे पेट पर था। मुझे अब उसकी आँखों में एक अलग सी चमक दिख रही थी। उसके नाज़ुक कोमल हाथ मेरे ऊपर थे, जिससे मेरा 6.5 इंच का लंड बड़ा होने लगा। वो अपना हाथ मेरे निचले हिस्से की ओर बढ़ा रही थी। मैंने आँखें बंद कर लीं और सोने का नाटक किया। मुझे उसके इस व्यवहार में बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद जब मैं बहुत गर्म हो गया, तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया। मेरे ऐसा करने से वो बहुत खुश हुई और मेरे लंड को धीरे-धीरे हिलाने लगी। लेकिन मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी।
फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और पागलों की तरह चूसने लगी। मैं उसके बूब्स दबा रहा था। उस वक्त जो मज़ा आ रहा था, उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। उसके 36 साइज़ के बूब्स एकदम खड़े हो गए थे। मैं उसके निप्पल्स को जोर-जोर से चूस रहा था और दबा रहा था। अपने दूसरे हाथ से मैं उसके पेट और पीठ से लेकर कमर तक सहला रहा था। 10 मिनट तक ऐसा करने के बाद अब उसकी चूत और गांड की बारी थी।
मैंने अपना एक हाथ उसकी साड़ी में डाला। उसने पैंटी नहीं पहनी थी। मैंने हाथ लगाकर देखा तो उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मुझे लगा कि उसके बूब्स दबाने से वो झड़ गई थी। फिर मैंने उसे लाइट बंद करके मेरे साथ सोने को कहा। उसने लाइट बंद की और मेरे पास आकर सो गई। हम दोनों एक ही चादर में थे। मैं उसके पैरों के पास गया और उसकी साड़ी ऊपर करके अपना मुँह उसकी बालों वाली चूत पर रख दिया। वाह, क्या मस्त खुशबू थी। मैं उसकी चूत को चाटने लगा और वो तड़प रही थी। वो मेरे सिर को हाथ से पकड़कर अपनी चूत में घुसा रही थी। मैंने अपने एक हाथ का अँगूठा उसकी गांड पर रखा और गोल-गोल घुमाने लगा। मैं उसकी चूत के दाने को चाट रहा था। उसने मेरे सिर को जोर से पकड़कर अपनी चूत पर दबाया और मेरे मुँह पर चूत से जोर-जोर से झटके देने लगी। कुछ देर बाद उसने मेरे मुँह में पानी का फवारा छोड़ दिया।
दोस्तों, मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया और उसकी चूत को चाटकर पूरी तरह साफ कर दिया। मैंने देखा कि ताई की चादर बहुत गीली हो गई थी। मैंने उससे पूछा कि उसने चादर क्यों नहीं हटाई। वो बोली, “आज तक तेरे दाजी ने कभी मेरी चूत को मुँह नहीं लगाया। उनका लंड भी बहुत छोटा है। वो हमेशा आते थे, मुझे 10 मिनट में चोदकर चले जाते थे। इसलिए मैंने कभी अपनी चूत की ओर ध्यान नहीं दिया। लेकिन तूने आज मुझे ऐसा चोदकर जो मज़ा दिया है, उसके लिए मैं पूरी जिंदगी तेरी रखैल बनकर रहूँगी।”
फिर मैं धीरे-धीरे ऊपर सरका और उसकी नाभि चाटने लगा। उसके बूब्स मेरे रगड़ने से एकदम सख्त हो गए थे। मैं उसके निप्पल्स को चूस रहा था और रगड़ रहा था। वो तड़प रही थी। फिर वो मेरे कान के पास आई और बोली, “अब मुझसे रहा नहीं जाता।”
मैं उसके दोनों पैरों के बीच आया और उसके पैर खोलकर जगह बनाई। मैंने अपना लंड उसकी बालों वाली चूत में घुसाया। मेरे पहले धक्के से वो उछल पड़ी। दूसरे धक्के में मैंने लंड को उसकी चूत की गहराई तक पहुँचा दिया। मैं थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा। फिर वो नीचे से मुझे झटके देने लगी और मुझे हाथ से पकड़कर नीचे दबाने लगी। अब मैं भी झटके देने लगा और हमें बहुत मज़ा आ रहा था। लेकिन बाकी लोग पास में ही सो रहे थे, इसलिए वो चिल्ला नहीं सकती थी। फिर भी वो धीरे-धीरे सेक्सी आवाज़ निकाल रही थी।
हमारी ये चुदाई 25 मिनट तक चली। इस दौरान वो 3 बार झड़ गई थी। अब मैं भी झड़ने वाला था। मैंने पूछा, “मेरा वीर्य कहाँ डालूँ?” वो बोली, “अंदर ही डाल दे, मैंने नसबंदी करवा रखी है, कोई दिक्कत नहीं होगी।” मैंने उसकी चूत में वीर्य छोड़ दिया और कुछ देर वैसे ही पड़ा रहा। 10 मिनट बाद उसने मेरे लंड को अपने पेटीकोट से साफ किया और मुझे एक लंबा किस देकर अपने बिस्तर की ओर चली गई। अब मेरा दिमाग शांत हो गया था। दोस्तों, इसके बाद मैंने उसे कई बार और कई तरीकों से चोदा।
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