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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है, में आपके सामने एक स्टोरी लेकर आया हूँ। ये स्टोरी मेरी भाभी की है, इस स्टोरी में मैंने भाभी के कपड़ो से चुदाई की है। मेरी भाभी की उम्र 28 साल है, उनके 1 साल का बच्चा है, मेरी भाभी की शादी को 3 साल हो गये है, उनका फिगर साईज 34-32-36 है और वो कभी साड़ी तो कभी सलवार सूट पहनती है। एक बार भैया, भाभी किसी की सगाई में गये थे, में घर पर ही था क्योंकि मेरे एग्जॉम थे। फिर में छत पर पढ़ने ऊपर गया तो मैंने देखा कि भाभी के कपड़े ऊपर सूख रहे है। फिर मैंने उनके ब्लाउज के नीचे से ब्रा निकाली और अपनी पेंट के अंदर अपने लंड पर डाल ली और अपना लंड मसलने लगा, उनकी ब्रा एकदम मुलायम थी।

फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनकी ब्रा वापस वैसे ही रख दी, अब में चाहता था कि में उनकी ब्रा, पेंटी में एक बार मूठ मार लूँ, क्योंकि भाभी रोज़ कपड़े उतार लेती थी। में जानता था कि भाभी के पास काफ़ी ब्रा पेंटी है क्योंकि वो रोज़ अलग-अलग कलर की ब्रा पेंटी पहनती थी? में चाहता था कि एक बार में भी उनकी ब्रा पेंटी पहन लूँ और जी भरकर मूठ मार लूँ। फिर एक दिन बाहर से हमारे खास रिश्तेदार शादी का कार्ड देने आए तो भैया ने बोल दिया कि हम सब शादी में जाएगें। फिर उन्होंने कहा कि में अभी हम सभी का ट्रेन की सीट रिज़र्वेशन करवाता हूँ, लेकिन मैंने भैया से कहा कि मेरे एग्जॉम है में नहीं आ पाऊँगा, तो भैया अपना प्रोग्राम भी रद्द करने लगे। फिर मैंने कहा कि भैया आप अपना प्रोग्राम रद्द मत करो, में यहाँ अपने एग्जॉम दे लूँगा, तो भैया ने कहा कि तुम्हारे खाने पीने का क्या होगा? तो मैंने कहा कि में बना लूँगा और ज़रूरत होगी तो पड़ोसी को बोल दूंगा। फिर भैया ने कहा कि ठीक है और भैया ने ट्रेन की टिकट बुक करवा दी।

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फिर भाभी भी अपनी तैयारी में लग गयी। फिर मैंने सोचा कि भैया, भाभी बाहर जाएगें तो अलमारी लॉक करके जाएगें। फिर मैंने एक आइडिया लगाया और जब भाभी किसी काम से बाहर गयी तो मैंने उनसे अलमारी की चाबी ली और एक शॉप पर जाकर उसकी ड्यूप्लिकेट चाबी बना ली। फिर 2-3 दिन के बाद भैया ने कहा कि हम कल सुबह जाएगें, हमें स्टेशन छोड़ देना। फिर अगले दिन भैया ने भाभी को कहा कि जल्दी नहा लो नहीं तो हमारी ट्रेन छूट जाएगी। फिर भाभी जल्दी से नहाकर आ गयी और तैयार होकर बाहर आ गयी। फिर में उनको स्टेशन छोड़ने गया, फिर थोड़ी देर के बाद ट्रेन चलने लगी तो भैया ने कहा कि तू अपना ध्यान रखना। फिर में वापस अपने घर आया और सीधा भैया के रूम में गया, उनके रूम में ही उनका बाथरूम था।

फिर में अंदर गया, वहाँ भाभी के कोई कपड़े नहीं थे। अब में समझ गया था कि उनके सब कपड़े अलमारी में है और अलमारी लॉक थी। फिर मैंने सोचा कि पहले एग्जॉम दे लूँ फिर मस्ती करूँगा। फिर 2-3 दिन में मेरे पेपर ख़त्म हो गये और जब लास्ट पेपर हुआ तो में सीधे घर आया और दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया। फिर मैंने अलमारी की ड्यूप्लिकेट चाबी निकाली और भाभी के रूम में गया। फिर मैंने अलमारी के छेद में चाबी डाली और चाबी घुमाई तो अलमारी का लॉक खुल गया। फिर मैंने अलमारी खोली तो में ऐसे खुश हुआ जैसे मुझे कोई खजाना हाथ लग गया हो। फिर मैंने अलमारी खोली तो वहाँ 5 खाने थे, अब एक खाने में उनके आने जाने की साड़ी टकी थी और एक खाने में भैया के कपड़े टके थे। फिर मैंने नीचे वाले खाने में देखा तो भाभी के घर में पहने वाले कपड़े रखे थे। फिर मैंने उनकी साड़ी बाहर निकाली तो उसके अंदर से ब्लाउज पेटीकोट बाहर निकाला।

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फिर मैंने देखा कि भाभी के ब्लाउज पर अंडरआर्म्स की जगह पर उनके पसीने के निशान थे, अब में उनको चाटने लगा था। फिर मैंने उनका पेटीकोट जहाँ उनकी कमर आती है वहाँ चारो तरफ से चाटा। फिर में उनके पेटीकोट का नाड़ा अपने मुँह में लेने लगा। अब मुझे बहुत मजा आ रहा था, फिर मैंने अलमारी के अंदर हाथ डाला तो मैंने देखा कि वहाँ एक थैली रखी थी। फिर मैंने उस थैली को बाहर निकाला और खोला तो मुझे उसके अंदर भाभी की थोड़ी गीली ब्रा पेंटी मिली। अब में समझ गया कि भाभी ने नहाने के बाद इन्हें बिना धोए इसमें रख दिया है। फिर में उनकी ब्रा को सुखाकर उनकी ब्रा के दोनों कपो को चाटने लगा, अब मुझे उसमें से दूध की महक आ रही थी। फिर मैंने उनकी पेंटी ली और उनकी चूत की जगह से चाटने लगा, अब मुझे उनकी पेंटी का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था।

फिर में अलमारी के हर खाने को देखने लगा, उनमें से 2 खानो में कुछ भी नहीं था। फिर मैंने सबसे नीचे वाले खाने में हाथ डाला तो मुझे उनकी एक ब्रा हाथ लगी। अब पूरा चैक करने के बाद मेरे हाथ में उनकी 3-4 ब्रा और पेंटी थी। फिर मैंने मेरे कपड़े उतार दिए और सोच लिया कि जब तक भैया, भाभी नहीं आएगें में भाभी की ब्रा पेंटी यूज़ करूँगा। फिर मैंने ऊपर वाले खाने में देखा तो वहाँ मुझे एक बॉक्स मिला। फिर मैंने उसे खोला तो उसमें ब्लू फिल्म और कंडोम रखे थे, फिर मैंने कंडोम निकाल लिया और सोचा कि दूसरा ला कर रख दूँगा। फिर मैंने कंडोम अपने लंड पर पहन लिया और फिर मैंने बीच वाले खाने को देखा तो उसमें भाभी के सामान रखे थे, उसमें उनके एम.सी. वाले पेड भी थे। फिर मैंने उनकी रेज़र से अपने लंड के बाल काटे और उसमें उनका साबुन का बॉक्स भी रखा था, एक बार में ग़लती से उनके साबुन से नहा लिया तो उन्होंने बहुत गुस्सा किया था मेरे साबुन से मत नहाया करो। फिर मैंने सोचा कि आज अच्छा मौका है। फिर में उनका साबुन बाथरूम में ले गया और उनके कपड़ो के अंदर मुठ मारने लगा और फिर वीर्य निकलने के बाद मैंने अपना पानी साबुन पर डाल दिया।

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फिर मैंने साबुन से अपने लंड को धोया और अब मेरे लंड पर एकदम चमक आ गयी थी। फिर मैंने उनका पेटीकोट, ब्रा, पेंटी को पहना और ऊपर उनकी मेक्सी पहनी और फिर ब्लू फिल्म की सी.डी चलाकर देखने लगा और साथ में मेक्सी के ऊपर से ही मुठ मारने लगा। अब मेरा थोड़ा माल मेक्सी पर भी लग गया था, अब में रोज़ उनकी मेक्सी पहनकर ही टॉयलेट जाता था और उनकी ब्रा, पेंटी में ही मुठ मारता था। अब रात को में उनके बेडरूम में ही सोता था, फिर में उनके और भाभी के बारे में सोचता था कि भाभी इसी बेड पर चुदवाती है, इसके बाद मैंने 7 दिनों तक भाभी की ब्रा, पेंटी में जमकर मुठ मारा और खूब मज़े किए ।।

धन्यवाद …

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